17वें एशियाई खेलों का पहला दिन शनिवार भारतीय जुडोकाओं के लिए निराशाजनक रहा। शनिवार को सुशीला देवी, कल्पना देवी और नवजोत चाना ने निराशानजनक प्रदर्शन किया और भारत को एक भी पदक नहीं दिला सके।
डोवोन जिम्नेजियम में राष्ट्रमंडल खेलों की रजत पदक विजेता सुशीला देवी और कल्पना देवी क्वार्टर फाइनल मुकाबला हारने के बाद रेपचेज में जगह बनाने में सफल रहीं, जबकि नवजोत प्री क्वार्टर फाइनल से ही बाहर हो गए।
नवजोत को मंगोलिया के बोल्दबातार गनबाट ने पुरुषों की 60 किलोग्राम भारवर्ग के अंतिम-16 दौर के मुकाबले में इप्पोन के जरिए हराया।
सुशीला जहां टेबल बी के तहत चीन की शुगेन वू से रेपचेज मुकाबला हार गईं, वहीं कल्पना ने जरूर रेपचेज मुकाबले में पेई जू लिएन को हराकर कांस्य की उम्मीद जिंदा रखी।
कल्पना हालांकि कांस्य के लिए हुए मुकाबले में कजाकिस्तान की लेनारिया मिंगाजोवा से हार गईं। तीन मिनट 47 सेकेंड तक चले मुकाबले में कल्पना शिडो के जरिए अंक हासिल कर सकीं, जबकि मिंगाजोवा ने इप्पोन और यूको के जरिए अंक हासिल किए और कांस्य पर कब्जा जमाया।
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