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This Article is From Jan 09, 2023

"मेरा नाम याद रखना, 8 महीने बाद..." BJP सांसद महंत बालकनाथ ने सरेआम DSP को दी धमकी

राजस्थान के अलवर के बीजेपी सांसद महंत बालकनाथ योगी ने डीएसपी को धमकाने के अंदाज में कहा, 'मेरा नाम याद रखना. मैं तुम तीन लोगों को कभी नहीं भूलूंगा. ये बस 8 महीने की सरकार है, फिर बीजेपी आ रही है. आपको यहां से जाने भी नहीं दूंगा. हमारे कार्यकर्ताओं को परेशान किया है.' 

महंत बालकनाथ का यह वीडियो वायरल होने के साथ ही सियासत भी शुरू हो गई है.

जयपुर:

राजस्थान के अलवर में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद महंत बालकनाथ योगी के डीएसपी को धमकी देने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. बालकनाथ रविवार को 4 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने पर बहरोड़ डीएसपी पर बरसते हुए अपना आपा खो बैठे. उन्होंने डीएसपी आनंद राव को वर्दी वाला गुंडा तक कह डाला. बीजेपी सांसद बालकनाथ इतने पर ही नहीं थमे. उन्होंने यहां तक कह दिया, 'मेरा नाम याद रखना... ये बस 8 महीने की सरकार है, फिर बीजेपी आ रही है. आपको यहां से जाने भी नहीं दूंगा. हमारे कार्यकर्ताओं को परेशान किया है.' 

सांसद महंत बालकनाथ योगी ने डीएसपी को धमकाने के अंदाज में कहा, 'मेरा नाम याद रखना. मैं तुम तीन लोगों को कभी नहीं भूलूंगा. एक यहां के विधायक, दूसरा पुराना एसएचओ और आज सबसे पहले आप मेरी लिस्ट में हो गए हो. सबसे बड़ा गुंडा पुलिस वालों की वर्दी में आप हो. आपके बच्चे भी यह तरस करेंगे कि तुम उनके बाप थे.' 

क्या है मामला?
पुलिस के मुताबिक, 16 जनवरी को हिस्ट्रीशीटर विक्रम गुर्जर उर्फ लादेन पर फायरिंग हुई थी. पुलिस उसे जिला अस्पताल बहरोड मेडिकल चेकअप के लिए ले गई थी. फायरिंग में लादेन बच गया, लेकिन वहां इलाज कराने आई इमरती देवी और भूतेरी देवी के पैरों में गोली लग गई. मामले की जांच को लेकर पुलिस ने रविवार को सुबह 8 बजे कांग्रेस कार्यकर्ता एडवोकेट राजाराम यादव, बीजेपी कार्यकर्ता एडवोकेट हितेंद्र यादव, नूतन सैनी और निशांत यादव को हिरासत में ले लिया. पुलिस ने दावा किया है कि इनका कनेक्शन 6 जनवरी को जिला अस्पताल में हिस्ट्रीशीटर विक्रम गुर्जर उर्फ लादेन पर हुई फायरिंग की घटना से हो सकता है.

कांग्रेस ने साधा निशाना
महंत बालकनाथ का यह वीडियो वायरल होने के साथ ही सियासत भी शुरू हो गई है. कांग्रेस ने सांसद पर निशाना साधा है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता स्वर्णिम चतुर्वेदी का कहना है कि राजनेताओं या जनप्रतिनिधियों को ऐसा आचरण नहीं करना चाहिए. जनता उनके आचरण का अनुसरण करती है. सरकारी अधिकारी कर्मचारी किसी पार्टी के नहीं है. उनके साथ ऐसा बर्ताव नहीं होना चाहिए. मामले की जानकारी मिलने पर भिवाड़ी एसपी शांतनु कुमार सिंह मौके पर पहुंचे और सांसद सहित अन्य नेताओं से बात कर मामला शांत करवाया.

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