प्रतीकात्मक तस्वीर
जयपुर:
महिलाओं और बच्चियों से हो रही रेप की घटनाओं को देखते हुए राजस्थान सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. राजस्थान विधानसभा ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से एक विधेयक पारित किया जिसके तहत 12 साल या उससे कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म के अभियुक्तों को मृत्युदंड का प्रावधान है. दरअसल, राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को दण्ड विधियां (राजस्थान संशोधन) विधेयक, 2018 ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. विधेयक को कानूनी अमलीजामा पहनाने के बाद राजस्थान मध्यप्रदेश के बाद दूसरा राज्य होगा जहां 12 साल या उससे कम उम्र की लड़कियों से दुष्कर्म के लिए प्राणदंड का प्रावधान होगा.
विधेयक सदन में पेश करते हुए राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा, " 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म जघन्य अपराध है जिससे पीड़िता का जीवन नरक बन जाता है. समाज में सुरक्षा सुनिश्चित करने और ऐसे जघन्य अपराध से नारी जाति को बचाने के लिए भारी दंड की व्यवस्था करना जरूरी है."
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मंत्री ने कहा कि विधेयक के माध्यम से सरकार मौजूदा कानून में नया उपबंध जोड़ना चाहती है. उन्होंने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 376-एए संलग्न करके 12 से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वालों के लिए मृत्युदंड या कठोर सजा का प्रावधान किया गया है. कठोर सजा की सूरत में यह 14 साल से कम नहीं होगी और उससे ऊपर आजीवन कारावास तक हो सकता है.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही यह कानून बनेगा, लेकिन हमने अपनी इच्छा राष्ट्रपति तक पहुंचाने का प्रयत्न किया है. उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि इसके कानून बनने के बाद देश के अन्य राज्य भी इसको लेकर आगे बढ़ेंगे और स्वयं केन्द्र सरकार भी कानून में बदलाव कर एक कठोर कानून बना सकती है.
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सामूहिक दुष्कर्म के मामले में धारा 376-डीडी जोड़ा गया है, जिसके तहत समूह में शामिल हर व्यक्ति को दोषी करार दिया जाएगा. उधर, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने भी इसी तरह का कानून राज्य में लाने के संकेत दिए हैं.
VIDEO: निर्भया फंड का क्या हुआ? (इनपुट आईएएनएस से)
विधेयक सदन में पेश करते हुए राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा, " 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म जघन्य अपराध है जिससे पीड़िता का जीवन नरक बन जाता है. समाज में सुरक्षा सुनिश्चित करने और ऐसे जघन्य अपराध से नारी जाति को बचाने के लिए भारी दंड की व्यवस्था करना जरूरी है."
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मंत्री ने कहा कि विधेयक के माध्यम से सरकार मौजूदा कानून में नया उपबंध जोड़ना चाहती है. उन्होंने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 376-एए संलग्न करके 12 से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वालों के लिए मृत्युदंड या कठोर सजा का प्रावधान किया गया है. कठोर सजा की सूरत में यह 14 साल से कम नहीं होगी और उससे ऊपर आजीवन कारावास तक हो सकता है.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही यह कानून बनेगा, लेकिन हमने अपनी इच्छा राष्ट्रपति तक पहुंचाने का प्रयत्न किया है. उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि इसके कानून बनने के बाद देश के अन्य राज्य भी इसको लेकर आगे बढ़ेंगे और स्वयं केन्द्र सरकार भी कानून में बदलाव कर एक कठोर कानून बना सकती है.
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सामूहिक दुष्कर्म के मामले में धारा 376-डीडी जोड़ा गया है, जिसके तहत समूह में शामिल हर व्यक्ति को दोषी करार दिया जाएगा. उधर, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने भी इसी तरह का कानून राज्य में लाने के संकेत दिए हैं.
VIDEO: निर्भया फंड का क्या हुआ? (इनपुट आईएएनएस से)
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