तकनीक और ऑनलाइन गेमिंग के दौर में साइबर ठग अब मासूम बच्चों को अपना हथियार बना रहे हैं. राजस्थान के अजमेर से एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां 'फ्री फायर' (Free Fire) गेम खेलते-खेलते बच्चों ने एक अनजान शख्स पर इतना भरोसा किया कि उनके पिता के खाते से महज एक घंटे में 10 लाख 85 हजार रुपये साफ हो गए.
गेमिंग से शुरू हुई दोस्ती, मोबाइल पासवर्ड तक पहुंची
खबर के अनुसार, बच्चों की मुलाकात ऑनलाइन गेमिंग के दौरान एक अनजान शख्स से हुई. धीरे-धीरे दोस्ती बढ़ी और बातचीत इंस्टाग्राम तक पहुंच गई. आरोपी ने शातिराना तरीके से बच्चों का भरोसा जीता और उनसे उनकी मां की ईमेल आईडी और मोबाइल का पासवर्ड हासिल कर लिया. यहीं से ठगी का खेल शुरू हुआ. पासवर्ड मिलते ही ठग ने महिला के मोबाइल का एक्सेस हासिल कर लिया और बैंक खाते तक अपनी पहुंच बना ली.
हैकिंग का खौफनाक तरीका: न आया OTP, न मिला अलर्ट
साइबर ठग ने बैंक ऑफ इंडिया के खाते को निशाना बनाने के लिए महिला के फोन को पूरी तरह हैक कर लिया था. पीड़ित परिवार के मुताबिक, मोबाइल अपने आप बंद और चालू (Restart) होने लगा. ठग ने बैंकिंग ट्रांजेक्शन के दौरान आने वाले OTP और अलर्ट मैसेज को ब्लॉक कर दिया. हैरानी की बात यह है कि आरोपी ने पकड़े जाने के डर से मोबाइल का पूरा डेटा और कॉन्टैक्ट लिस्ट भी डिलीट कर दी.
60 मिनट में 10 लाख से ज्यादा की चपत
पीड़ित कपड़ा व्यापारी ने बताया कि जब तक उन्हें कुछ समझ आता, तब तक बहुत देर हो चुकी थी. महज एक घंटे के भीतर उनके खाते से 10,85,000 रुपये निकाल लिए गए. खाते में सिर्फ दो लाख रुपये ही शेष बचे थे. अगले दिन तुरंत बैंक जाकर खाता बंद करवाया गया और पुलिस को सूचना दी गई.
साइबर थाना अजमेर में सीओ शमशेर खां ने बताया, "पूरे मामले की गहनता से जांच की जा रही है. डिजिटल सबूतों और ट्रांजेक्शन हिस्ट्री के आधार पर आरोपी को ट्रैक करने की कोशिश की जा रही है."
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