गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) का पर्सनल सेक्रेटरी बनकर राजस्थान-हरियाणा के मंत्रियों को कॉल करने वाले एक शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया है. संदीप चौधरी नाम का यह शख्स गृहमंत्री का फर्जी पीए बनकर कॉल कर रहा था. इस शख्स ने अपनी गर्लफ्रेंड के नाम से सिम निकलवाया था और अपनी नौकरी की जुगाड़ लगा रहा था.
अलवर के मुंडावर से 25 साल के संदीप चौधरी को क्राइम ब्रांच पुलिस ने उसके गांव से गिरफ्तार किया है. संदीप ने बीए और बी.एड कर रखा है. पुलिस ने उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इसके पहले क्राइम ब्रांच के पास सीधे गृह मंत्रालय से एक केस दर्ज कराया गया था कि कोई शख्स गृहमंत्री का फर्जी पर्सनल सेक्रेटरी बनकर हरियाणा और राजस्थान के श्रम मंत्रियों को कॉल कर रहा था. उसने कॉल पर किसी की नौकरी लगाने को कहा था.
संदीप ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस को बताया कि इसके पहले वो धारूहेरा में हीरो होंडा के ऑफिस में काम करता था, लेकिन कोविड के चलते उसकी जॉब चली गई थी. उसने राजस्थान और हरियाणा के किसी भी इंडस्ट्रियल एरिया में नौकरी पाने के लिए जुगाड़ लगाने को सोचा और सीथे गृहमंत्री का पीएस बनकर हरियाणा के श्रम मंत्री अनूप धनक और राजस्थान के श्रम मंत्री टीकाराम जूली को कॉल किया. कॉल करने के लिए उसने अपनी गर्लफ्रेंड के नाम से MTNL का एक सिम इशू करवाया और फिर उसी नंबर से मंत्रियों को कॉल किया. पुलिस ने उसके पास से MI का एक स्मार्टफोन और एक सिम बरामद किया है.
गृहमंत्री के पीए की ओर से ऐसी कॉल आने के बाद सीधे अमित शाह के दफ्तर को सूचना दी गई, जिसपर उधर से साफ किया गया कि उनकी ओर से ऐसा कोई फोन नहीं किया गया है. फर्जी कॉल की बात साफ होने के बाद अमित शाह के दफ्तर से दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच को शिकायत दी गई. पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया और तलाश में जुट गई, जिसके बाद आरोपी को अलवर के पास से गिरफ्तार कर लिया गया है.
बता दें कि इसके पहले ही 18 जुलाई को भी एक शख्स की गिरफ्तारी हुई थी, जो खुद को गृहमंत्री का पीए बता रहा था. पिछले हफ्ते दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अभिषेक द्विवेदी नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया था. 3 जुलाई 2020 को गृह मंत्री कार्यालय से एक शिकायत मिली थी, जिसमें यह बताया गया कि एक व्यक्ति अपने आप को गृह मंत्री का पर्सनल सेक्रेटरी बताकर कई विभागों में फोन कर रहा है.
लॉकडाउन के दौरान देश में फर्जी कॉल और साइबर अपराधों में तेजी देखी जा रही है. अभी पिछले महीने ही खबर आई थी कि उत्तर प्रदेश के बरेली में एक शख्स आईएएस अधिकारी बनकर पुलिसवालों पर रौब झाड़ता था. उसे पिछले जून में तब गिरफ्तार कर लिया गया, जब वो खुद को एमएचआरडी का को-ऑर्डिनेटर बताकर कमिश्नर से मिलने पहुंचा था. इसी तरह नोएडा में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था, जो एक ट्रेनी IPS अधिकारी की फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर उनके परिचितों और रिश्तेदारों से उनके नाम पर पेटीएम वॉलेट के माध्यम से पैसे मांगता था.
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