राजस्थान में लगातार हो रही प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक के मामलों पर रोक लगाने के लिए अब गहलोत सरकार ठोस कदम उठाने जा रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक के खिलाफ बनाए गए कानून में भी अधिकतम सजा का प्रावधान उम्र कैद करने के लिए आगामी विधानसभा सत्र में बिल लाने का फैसला सरकार ने किया है.
अशोक गहलोत ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर कहा कि "राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में और पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से मुख्य सचिव को निर्देशित किया है कि RPSC, DOP, RSSB एवं अन्य हितधारकों के साथ चर्चा कर बेहतर प्रक्रिया तैयार करें। पेपर लीक के खिलाफ बनाए गए कानून में भी अधिकतम सजा का प्रावधान उम्रकैद करने के लिए आगामी विधानसभा सत्र में बिल लाने का फैसला किया है."
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राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में और पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से मुख्य सचिव को निर्देशित किया है कि RPSC, DOP, RSSB एवं अन्य हितधारकों के साथ चर्चा कर बेहतर प्रक्रिया तैयार करें। पेपर लीक के खिलाफ बनाए गए कानून में भी अधिकतम सजा का प्रावधान उम्रकैद करने के लिए आगामी विधानसभा…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 4, 2023
ट्वीट में अशोक गहलोत ने लिखा है- राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में और पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से मुख्य सचिव को निर्देशित किया है कि RPSC, DOP, RSSB एवं अन्य हितधारकों के साथ चर्चा कर बेहतर प्रक्रिया तैयार करें. पेपर लीक के खिलाफ बनाए गए कानून में भी अधिकतम सजा का प्रावधान उम्रकैद करने के लिए आगामी विधानसभा सत्र में बिल लाने का फैसला किया है.
सचिन पायलट की प्रमुख तीन मांगों में एक मुख्य मांग पेपर लीक की भी थी. जिसको लेकर अब गहलोत ने एक बड़ा पॉजिटिव संकेत दिया है.
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