चूरु जिले में इस समय उमस भरी गर्मी से आमजन परेशान है. चूरू जिला वैसे भी अपनी गर्मी के लिए जाना जाता है, यहां का तापमान 50 डिग्री तक चला जाता है. वर्तमान में भी जिले भर में चिलचिलाती गर्मी पड़ रही है ऐसे में सावन का महीना लगने के साथ थी जिले वासियों को उम्मीद थी कि बारिश होने से गर्मी से कुछ हद तक जिले वासियों को राहत मिलेगी, लेकिन बारिश नहीं होने के चलते चुरू जिले के लोग मायूस हैं और बारिश का इंतजार कर रहे हैं.
बारिश नहीं होने से किसान चिंतित
वहीं क्षेत्र में बरसात नहीं होने के चलते किसान भी चिंतित हैं. जिले में बाजरा,ग्वार,मोठ,मूंग,तिल आदि की फसले नष्ट हो रही है. जिसके कारण किसानों का सर दर्द बढ़ गया है. इस बार अचानक एक साथ बरसात होने से क्षेत्र में सभी खेतों में फसलों की बुआई हो गई थी. लेकिन वर्तमान में केवल आसमान में बादल ही गरज रहे है जबकि अच्छी बरसात नहीं होने से फसल नष्ट हो रही है. जिले के किसान कर्जे तले डूबकर रहे गए। जिले के गांव उदासर के किसान जगदीश सारण ने बताया कि अगर दो-पांच दिन में बरसात नहीं आई तो सभी बिरानी फसलें नष्ट हो जायेगी. इसलिए हम इंद्र भगवान से प्रार्थना करते हैं कि जल्द ही क्षेत्र में बारिश हो ताकि किसानों को कुछ हद तक राहत मिल सके.
फसलों का सर्वे कराने की उठी मांग
वही बारिश नहीं होने के चलते हो रहे फसल खराबे को लेकर अब किसान संगठन भी आगे आ कर फसलों का सर्वे कराने की मांग कर रहे हैं. किसान नेता रूपचंद सारण ने क्षेत्र में बुआई की गई फसलों का सर्व करवाने की मांग को लेकर एसडीएम को ज्ञापन सौपा है. किसान नेता सारण ने बताया कि अभी प्रशासन को फसलों को सर्व करना चाहिए। ताकि नष्ट हुई फसलों का किसानों को मुआवजा मिल सके.
धोरों की धरती में किसान कर रहे हैं कड़ी मेहनत
धोरों की धरती में किसान अपने खेतों में कड़ी मेहनत कर रही हैं. प्रचंड गर्मी के बीच किसान खून पसीना एक कर खेत में काम कर रहे हैं. किसानों ने अपने खेतों में बाजारा,ग्वार,मोठ,मूंग की फसलों को बो रखा हैं। किसानों को उम्मीद थी कि बारिश अच्छी होने से पैदावार भी अच्छी होगी लेकिन बारिश अभी तक नहीं होने के चलते किसान निराश हैं। बारिश के अभाव में किसानों की मेहनत पर पानी फिर रहा है. बारिश नहीं होने के चलते किसानों की फसलें नष्ट हो रही है.
वही बारिश के अभाव में नष्ट हो रही फसलों से जिले के किसान बेहद चिंतित है । किसानों का कहना है कि फसल नष्ट होने के चलते आर्थिक रूप से हमें नुकसान हो रहा है, यदि जल्द ही बारिश हो जाती है तो हमारी फसलों को लाभ होगा। वही धोरों की धरती पर इंद्र देवता मेहरबानी कर वर्षा करते हैं तो कहीं ना कहीं किसानों को फसलों में लाभ होगा, साथ ही साथ जिले वासियों को गर्मी से भी निजात मिलेगी। ऐसे में जिले भर के लोग अब आसमान की ओर टकटकी लगाए देख रहे हैं।
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