बीजेपी ने कहा कि श्रद्धांजलि समारोह का बहिष्कार करना दुर्भाग्यपूर्ण है...
जालंधर:
पंजाब विधानसभा में केपीएस गिल के श्रद्धांजलि समारोह का शिरोमणि अकाली दल ने बहिष्कार किया. सहयोगी भारतीय जनता पार्टी ने अकाली दल के इस कदम को दुर्भाग्यपूर्ण एवं शर्मनाक बताते हुए कहा कि उनको यह बताना चाहिए कि खालिस्तानी नेता जगजीत सिंह चौहान कैसे उनका आदर्श बन गया.
भारतीय जनता पार्टी की पूर्व राष्टीय उपाध्यक्ष लक्ष्मीकांता चावला ने कहा, विधानसभा में दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि देने के अवसर पर सूबे को आतंकवादमुक्त बनाने में भूमिका अदा करने वाले केपीएस गिल को श्रद्धांजलि नहीं देने का निर्णय लेकर अकाली दल ने पूरे पंजाब को निराश किया है. शिरोमणि अकाली दल को लेकर भाजपा नेता ने कहा, शिअद को यह बताना होगा कि विदेशों में खालिस्तान का मोर्चा लगाने वाला तथा स्वयं को खालिस्तान का स्वयंभू राष्टपति घोषित करने वाला जगजीत सिंह चौहान कैसे उनका आदर्श बन गया.
भाजपा नेता ने कहा कि देश को तोड़ने की कोशिश करने वाले उस व्यक्ति को तो विधानसभा में श्रद्धांजलि दी गई लेकिन गिल के मामले में अकालियों को क्या परेशानी हो गई जिसने पूरे प्रदेश को आतंकवाद की तपिश से निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की. चावला ने इस घटना को शर्मनाक करार देते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से ऐसी आशा नहीं थी क्योंकि ऐसा लगता है कि सुखबीर बादल ने पिता को बताये बिना ही यह निर्णय ले किया होगा. दूसरी ओर जालंधर पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया ने भी इसे शर्मनाक करार देते हुए कहा है कि जिस व्यक्ति ने पंजाब को आतंकवाद मुक्त किया उसके श्रद्धांजलि समारोह का बहिष्कार करना दुर्भाग्यपूर्ण है .
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
भारतीय जनता पार्टी की पूर्व राष्टीय उपाध्यक्ष लक्ष्मीकांता चावला ने कहा, विधानसभा में दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि देने के अवसर पर सूबे को आतंकवादमुक्त बनाने में भूमिका अदा करने वाले केपीएस गिल को श्रद्धांजलि नहीं देने का निर्णय लेकर अकाली दल ने पूरे पंजाब को निराश किया है. शिरोमणि अकाली दल को लेकर भाजपा नेता ने कहा, शिअद को यह बताना होगा कि विदेशों में खालिस्तान का मोर्चा लगाने वाला तथा स्वयं को खालिस्तान का स्वयंभू राष्टपति घोषित करने वाला जगजीत सिंह चौहान कैसे उनका आदर्श बन गया.
भाजपा नेता ने कहा कि देश को तोड़ने की कोशिश करने वाले उस व्यक्ति को तो विधानसभा में श्रद्धांजलि दी गई लेकिन गिल के मामले में अकालियों को क्या परेशानी हो गई जिसने पूरे प्रदेश को आतंकवाद की तपिश से निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की. चावला ने इस घटना को शर्मनाक करार देते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से ऐसी आशा नहीं थी क्योंकि ऐसा लगता है कि सुखबीर बादल ने पिता को बताये बिना ही यह निर्णय ले किया होगा. दूसरी ओर जालंधर पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया ने भी इसे शर्मनाक करार देते हुए कहा है कि जिस व्यक्ति ने पंजाब को आतंकवाद मुक्त किया उसके श्रद्धांजलि समारोह का बहिष्कार करना दुर्भाग्यपूर्ण है .
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