फाइल फोटो...
नई दिल्ली/चंडीगढ़:
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को लोकसभा की सदस्यता से अपना इस्तीफा सौंप दिया. उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा सतलुज यमुना लिंक नहर मुद्दे के विरोध स्वरूप दिया है. कैप्टन सिंह का इस्तीफा 11 नवंबर से ही वैध है. उसी दिन उन्होंने ईमेल के जरिए लोकसभा अध्यक्ष को यह इस्तीफा भेजा था.
गत 10 नंबर को उन्होंने लोकसभा से अपने इस्तीफे की घोषणा की थी. उन्होंने हरियाणा के साथ पानी की साझेदारी पर प्रेसिडेंशियल रेफरेंस पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को 'अन्याय' करार दिया था.
सर्वोच्च न्यायालय ने 10 नवंबर को पंजाब विधानसभा से पारित 2004 के कानून को असंवैधानिक माना था. उस कानून का मकसद सतलुज यमुना लिंक नहर के जरिए हरियाणा से नदी जल साझा करने से इनकार करना था.
कैप्टन सिंह ने दोपहर बाद संसद भवन में स्थित लोकसभा अध्यक्ष के कार्यालय में जाकर आवश्यक प्रपत्र में भरकर अपना इस्तीफा सौंपने के लिए उनसे मुलाकात की.
अमरिंदर के कार्यालय से प्रेस को जारी बयान में कहा गया है, 'कैप्टन सिंह ने लोकसभा अध्यक्ष को कहा कि उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा सतलुज-यमुना लिंक नहर के मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को देखते हुए पंजाब की जनता से एकजुटता के प्रतीक के तौर पर दिया है, जिन पर इस फैसले से गंभीर प्रभाव पड़ा है'.
अमरिंदर पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी हैं. कांग्रेस के सभी 42 विधायकों ने भी इस फैसले के मुद्दे को लेकर पंजाब विधानसभा से सामूहिक इस्तीफा देने की घोषणा की थी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
गत 10 नंबर को उन्होंने लोकसभा से अपने इस्तीफे की घोषणा की थी. उन्होंने हरियाणा के साथ पानी की साझेदारी पर प्रेसिडेंशियल रेफरेंस पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को 'अन्याय' करार दिया था.
सर्वोच्च न्यायालय ने 10 नवंबर को पंजाब विधानसभा से पारित 2004 के कानून को असंवैधानिक माना था. उस कानून का मकसद सतलुज यमुना लिंक नहर के जरिए हरियाणा से नदी जल साझा करने से इनकार करना था.
कैप्टन सिंह ने दोपहर बाद संसद भवन में स्थित लोकसभा अध्यक्ष के कार्यालय में जाकर आवश्यक प्रपत्र में भरकर अपना इस्तीफा सौंपने के लिए उनसे मुलाकात की.
अमरिंदर के कार्यालय से प्रेस को जारी बयान में कहा गया है, 'कैप्टन सिंह ने लोकसभा अध्यक्ष को कहा कि उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा सतलुज-यमुना लिंक नहर के मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को देखते हुए पंजाब की जनता से एकजुटता के प्रतीक के तौर पर दिया है, जिन पर इस फैसले से गंभीर प्रभाव पड़ा है'.
अमरिंदर पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी हैं. कांग्रेस के सभी 42 विधायकों ने भी इस फैसले के मुद्दे को लेकर पंजाब विधानसभा से सामूहिक इस्तीफा देने की घोषणा की थी.
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