नांदेड़ से पंजाब आने वाले आठ तीर्थयात्रियों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होने के एक दिन बाद मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि राज्य में लौटने वाले सभी लोगों के लिए 21 दिन का पृथक-वास अनिवार्य होगा. एक आधिकारिक बयान के अनुसार महाराष्ट्र के नांदेड़ से लौटने वाले सभी तीर्थयात्रियों, राजस्थान से आने वाले छात्रों और मजदूरों को सीमा पर रोका जाएगा और सरकारी पृथकवास केंद्रों में भेजा जाएगा. सिंह ने कहा कि पिछले तीन दिनों में वापस आए लोगों के लिए राधा स्वामी सत्संग डेरा का उपयोग पृथक-वास केंद्र के रूप में किया जाएगा.
बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कांग्रेस विधायकों के साथ राज्य में चल रहे खरीद कार्यों के साथ-साथ कोविड-19 और लॉकडाउन की स्थिति पर चर्चा करते हुए यह घोषणा की. नांदेड़ में गुरुद्वारा हजूर साहिब में मत्था टेकने गए पंजाब के लगभग 4,000 तीर्थयात्री कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण वहां फंसे हुए थे. केंद्रीय गृह मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद अब उन्हें वापस लाया जा रहा है.
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इसके अलावा जैसलमेर से 3,000 और राजस्थान के कोटा से 152 छात्रों को भी राज्य में वापस लाया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोवि़ड-19 से पहले ही 19 लोगों की जान जा चुकी है और अब तक संक्रमण के 330 मामले दर्ज हुए है. उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीयों और तबलीगी जमात के बाद नांदेड़ में गुरुद्वारा हजूर साहिब से वापस आ रहे श्रद्धालुओं का समूह वर्तमान में बड़ा खतरा हो सकता है. उन्होंने कहा कि एक और बड़े 'जत्थे' (लोगों का समूह) के बुधवार को पंजाब लौटने की उम्मीद है और राज्य सरकार की योजना है कि उन्हें राधा स्वामी डेरे में पृथकवास में रखा जाएगा.
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