राजस्थान: ऐसी विधानसभा सीट, जहां बीजेपी-कांग्रेस सिर्फ एक बार ही जीत सकीं, अब कौन मारेगा बाजी?

अब जनता दल का बजूद खत्म होने के बाद कुशलगढ़ विधानसभा सीट (Rajasthan Assembly Election 2023) पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दल अपनी पैनी नजरें गढ़ाए हुए हैं.

राजस्थान: ऐसी विधानसभा सीट, जहां बीजेपी-कांग्रेस सिर्फ एक बार ही जीत सकीं, अब कौन मारेगा बाजी?

राजस्थान की कुशलगढ़ सीट पर बीजेपी-कांग्रेस की पैनी नजर

जयपुर:

राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Election 2023) होने हैं.गहलोत सरकार एक बार फिर से जीत का दावा कर रही है तो वहीं बीजेपी भी पीछे नहीं है. रज्य की एक विधानसभा सीट ऐसी भी है, जहां पर पिछले 14 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी दनों को सिर्फ एक बार ही मामूली अंतर से जीत नसीब हुई है. ये विधानसभा क्षेत्र कुशलगढ़ है, जो कि मध्य प्रदेश और गुजरात के बॉर्डर से सटी हुई है. इस विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस और बीजेपी को पिछले 14 विधानसभा चुनावों में सिर्फ एक-एक विधायक की मिल सका है. यहां पर जनता दल का ही परचम लहराता रहा है. लेकिन अब जनता दल का बजूद खत्म हो गया है. ऐसे में इस सीट पर अब कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दल अपनी पैनी नजर गढ़ाए हुए हैं. 

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इस सीट पर कांग्रेस का 34 साल का सूखा

 कुशलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 1957 में हुए पहले चुनाव से लेकर अभी तक की अगर बात करें तो कांग्रेस को इस सीट पर एक विधायक, जो कि 1985 में मिला था, जिनका नाम वीर सिंह था. उनको महज 312 वोटों से जीत हासिल हुई थी. इस सीट पर पहली बार हुए चुनाव में निर्दलीय हीरा भाई ने जीत हासिल की थी. उसके बाद 1962 में भी संयुक्त समाजवादी पार्टी से एक बार फिर हीरा भाई जीते. उसके बाद 1972 और 1977 में समाजवादी विचारक जिथिंग भाई को इस सीट पर जीत हासिल हुई. 

कुशलगढ़ सीट पर कब से है जनता पार्टी की धाक?

जनता पार्टी को कुशलगढ़ सीट पर पहला विधायक साल1980 में मिला था. उस समय फतेह सिंह इस सीट से जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे थे. इसके बाद 1985 चुनाव में फतेह सिंह को टिकट नहीं मिल सका था, ऐसे में कांग्रेस के वीर सिंह ने महज 312 वोटों से इस सीट को अपने पाले में कर लिया था. 1990 से लेकर 2008 तक के विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र की जनता ने मामा बालेश्वर दयाल के शिष्य जेडीयू के फतेह सिंह पर विश्वास जताया और विधायक के रूप में चुना.

सिर्फ एक बार जीती बीजेपी और कांग्रेस

साल 2013 के विधानसभा चुनाव में कुशलगढ़ सीट पर बीजेपी का सालों पुराना सूखा मिट गया और भीमा भाई के रूप में पार्टी को इस सीट पर अपना पहला विधायक मिला. बीजेपी ने 2023 विधान सभा चुनाव के लिए फिर एक बार फिर से उन पर विश्वास जताया है.  2018 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी रमिला खड़िया ने बीजेपी के  भीमा भाई शिकस्त देते हुए इस सीट पर अपना कब्जा जमा लिया था. 

अब किसके पाले में आएगी कुशलगढ़ सीट?

 कांग्रेस को कुशलगढ़ सीट पर पिछले 38 सालों से जीत नसीब नहीं हुई है. अब कांग्रेस इस सीट को अपने पाले में करने के लिए निर्दलीय विधायक रमिला खड़िया को अपने सिंबल पर चुनाव लड़वाने का मन बना रही है. यह वही विधायक हैं जिन्होंने राज्य में बगावत के समय कांग्रेस का साथ दिया था.  यही वजह है कि कांग्रेस इस वफादारी का इमान उनको विधानसभा चुनाव के टिकट के रूप में देने जा रही है. कुशलगढ़ विधानसभा किस दल के पाले में आती है ये देखने वाली बात होगी. 

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