रेखा (फाइल तस्वीर)
नई दिल्ली:
सदाबहार अभिनेत्री रेखा हिन्दी फिल्म जगत की शान हैं। उनके चेहरे की चमक आज भी अन्य अभिनेत्रियों की शान को फीका कर देती है। अपने हिस्से आए हर किरदार को दमदार बनाने वाली रेखा के आंचल में कई बड़े पुरस्कार आए, वह राजकीय पुरस्कार पद्मश्री से भी सम्मानित हैं। रहस्यमयी रेखा जैसी खूबसूरती पाना आज भी कई अभिनेत्रियों की हसरत है।
चेन्नई में हुआ जन्म
चेन्नई (मद्रास) में तमिल अभिनेता जेमिनी गणेशन और तमिल अभिनेत्री पुष्पावली के घर 11 अक्टूबर, 1954 को जन्मीं रेखा गणेशन को बचपन से ही अभिनय का शौक था, जिसे उन्होंने बड़ी कठिनाइयां झेलकर पूरा किया। अब के बरस रेखा 62 साल की हो गई हैं। कमला सेल्वराज और राधा उस्मान सईद उनकी बहनें हैं।
मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है
कहते हैं, मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। रेखा के लिए भी अभिनय की मंजिल इतनी आसान नहीं रही। वह पहली बार बड़े पर्दे पर 1966 में आई फिल्म 'रंगुला रत्नम' में बाल कलाकार के तौर पर आईं, लेकिन एक सफल अभिनेत्री बनने का सफर और मुश्किलें बाकी थीं।
सांवले रंग की रेखा को आई कई मुश्किलें
रेखा को शुरुआत में सांवले रंग, भारी बदन और हिन्दी बोलने में सहज न होने की वजह से दर्शकों से और फिल्म बिरादरी से काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, पर अपनी हार को जीत में बदलने के लिए रेखा ने अपना जज्बा कायम रखा।
उन्होंने अपनी काया ही पलट कर दी। फिल्मों से पहचान बनाने वाली रेखा ने स्वयं को फिल्मों की पहचान बनाया। वह एक ऐसी अभिनेत्री बनकर उभरीं, जिन्होंने हर किस्म के महिला किरदारों को सशक्त बनाया।
सिलसिला रही असल जिंदगी के काफी करीब
रेखा ने कला और व्यावसायिक दोनों ही तरह की फिल्मों में सफर रही हैं और शोहरत पाई है। उनके अभिनय में नयेपन और विविधता ने बहुत जल्द उन्हें हिन्दी सिने जगत की सबसे कामयाब अभिनेत्रियों में मुकाम दिया। 'खूबसूरत', 'खून भरी मांग' 'खून और पसीना', 'मुकद्दर का सिकंदर' और 'उमराव जान' उनकी बेहद कामयाब फिल्में हैं। त्रिकोणीय प्रेमकथा पर आधारित यश चोपड़ा की फिल्म 'सिलसिला' अमिताभ-रेखा की असल जिंदगी के काफी करीब है। इस फिल्म में अमिताभ और रेखा के साथ जया भादुड़ी (बच्चन) भी हैं।
रेखा के अभिनय के साथ-साथ उनकी खूबसूरती के चर्चे भी सुर्खियों में बने रहे। उनके दीवानों में तो बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान का नाम भी शामिल है।
परदे पर अमिताभ के साथ जोड़ी थी हिट
जहां एक तरफ रेखा सफलता की ऊंचाइयां छूती चली गईं, वहीं उनके प्रेम प्रसंग भी खूब चर्चा में रहे। मेगास्टार अमिताभ बच्चन के साथ भी उन्होंने कई फिल्में कीं और दोनों के बीच रिश्तों की खूब चर्चा रही। मगर यह जोड़ी जितनी फिल्मों में सफल थी, उतनी ही निजी जीवन में असफल रही।
जीवन में विवाद भी कम नहीं
अमिताभ के अलावा नवीन निश्चल, विश्वजीत, जितेंद्र, शत्रुघ्न सिन्हा, विनोद मेहरा जैसे अभिनेता भी रेखा के निजी जीवन में आए। उनका निजी जीवन लेकिन हमेशा विवादस्पद ही रहा, फिर भी उनकी चमक में कोई कमी नहीं आई।
माना जाता है कि रेखा की पहली शादी विनोद मेहरा से हुई थी, लेकिन सिमी ग्रेवाल के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने इस शादी की बात को अफवाह करार दिया। वर्ष 1990 में उन्होंने एक उद्योगपति मुकेश अग्रवाल से शादी की, लेकिन इस शादी का अंत तलाक से हुआ। बाद में मुकेश अग्रवाल ने आत्महत्या कर ली।
मांग में सिंदूर लगाती हैं रेखा
रेखा आज भी मांग में सिंदूर लगाती हैं, लेकिन इसका रहस्य किसी को नहीं पता। लोग कहते हैं कि मुंबई के बांद्रा पश्चिम इलाके में स्थित रेखा के बंगले के आगे बिग बी की कार कभी कभार अब भी देखी जाती है।
चेन्नई में हुआ जन्म
चेन्नई (मद्रास) में तमिल अभिनेता जेमिनी गणेशन और तमिल अभिनेत्री पुष्पावली के घर 11 अक्टूबर, 1954 को जन्मीं रेखा गणेशन को बचपन से ही अभिनय का शौक था, जिसे उन्होंने बड़ी कठिनाइयां झेलकर पूरा किया। अब के बरस रेखा 62 साल की हो गई हैं। कमला सेल्वराज और राधा उस्मान सईद उनकी बहनें हैं।
मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है
कहते हैं, मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। रेखा के लिए भी अभिनय की मंजिल इतनी आसान नहीं रही। वह पहली बार बड़े पर्दे पर 1966 में आई फिल्म 'रंगुला रत्नम' में बाल कलाकार के तौर पर आईं, लेकिन एक सफल अभिनेत्री बनने का सफर और मुश्किलें बाकी थीं।
सांवले रंग की रेखा को आई कई मुश्किलें
रेखा को शुरुआत में सांवले रंग, भारी बदन और हिन्दी बोलने में सहज न होने की वजह से दर्शकों से और फिल्म बिरादरी से काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, पर अपनी हार को जीत में बदलने के लिए रेखा ने अपना जज्बा कायम रखा।
उन्होंने अपनी काया ही पलट कर दी। फिल्मों से पहचान बनाने वाली रेखा ने स्वयं को फिल्मों की पहचान बनाया। वह एक ऐसी अभिनेत्री बनकर उभरीं, जिन्होंने हर किस्म के महिला किरदारों को सशक्त बनाया।
सिलसिला रही असल जिंदगी के काफी करीब
रेखा ने कला और व्यावसायिक दोनों ही तरह की फिल्मों में सफर रही हैं और शोहरत पाई है। उनके अभिनय में नयेपन और विविधता ने बहुत जल्द उन्हें हिन्दी सिने जगत की सबसे कामयाब अभिनेत्रियों में मुकाम दिया। 'खूबसूरत', 'खून भरी मांग' 'खून और पसीना', 'मुकद्दर का सिकंदर' और 'उमराव जान' उनकी बेहद कामयाब फिल्में हैं। त्रिकोणीय प्रेमकथा पर आधारित यश चोपड़ा की फिल्म 'सिलसिला' अमिताभ-रेखा की असल जिंदगी के काफी करीब है। इस फिल्म में अमिताभ और रेखा के साथ जया भादुड़ी (बच्चन) भी हैं।
रेखा के अभिनय के साथ-साथ उनकी खूबसूरती के चर्चे भी सुर्खियों में बने रहे। उनके दीवानों में तो बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान का नाम भी शामिल है।
परदे पर अमिताभ के साथ जोड़ी थी हिट
जहां एक तरफ रेखा सफलता की ऊंचाइयां छूती चली गईं, वहीं उनके प्रेम प्रसंग भी खूब चर्चा में रहे। मेगास्टार अमिताभ बच्चन के साथ भी उन्होंने कई फिल्में कीं और दोनों के बीच रिश्तों की खूब चर्चा रही। मगर यह जोड़ी जितनी फिल्मों में सफल थी, उतनी ही निजी जीवन में असफल रही।
जीवन में विवाद भी कम नहीं
अमिताभ के अलावा नवीन निश्चल, विश्वजीत, जितेंद्र, शत्रुघ्न सिन्हा, विनोद मेहरा जैसे अभिनेता भी रेखा के निजी जीवन में आए। उनका निजी जीवन लेकिन हमेशा विवादस्पद ही रहा, फिर भी उनकी चमक में कोई कमी नहीं आई।
माना जाता है कि रेखा की पहली शादी विनोद मेहरा से हुई थी, लेकिन सिमी ग्रेवाल के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने इस शादी की बात को अफवाह करार दिया। वर्ष 1990 में उन्होंने एक उद्योगपति मुकेश अग्रवाल से शादी की, लेकिन इस शादी का अंत तलाक से हुआ। बाद में मुकेश अग्रवाल ने आत्महत्या कर ली।
रेखा आज भी मांग में सिंदूर लगाती हैं, लेकिन इसका रहस्य किसी को नहीं पता। लोग कहते हैं कि मुंबई के बांद्रा पश्चिम इलाके में स्थित रेखा के बंगले के आगे बिग बी की कार कभी कभार अब भी देखी जाती है।
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