विशेश्वर ओझा (फाइल फोटो)
पटना:
बिहार में बढ़ते अपराध के बीच एक और घटना ने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। बीती शाम भोजपुर जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र में बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष विशेश्वर ओझा की गोली मार कर हत्या कर दी गई।
ओझा को उस वक्त गोली मारी गई जब वो एक शादी से लौट रहे थे। इस मामले में एक को गिरफ़्तार किया है। जबकि आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के मुताबिक हत्या की वजह आपसी दुश्मनी हो सकती है। ओझा पर हत्या, लूट समेत कुल 16 मामले दर्ज थे।
विशेश्वर ओझा की हत्या से पहले शुक्रवार सुबह 12 बजे छपरा के तरैया में बीजेपी नेता केदार सिंह की गोली मारकर हत्या की गई। बिहार बीजेपी ने राज्य में बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। वहीं, एलजेपी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।
गौरतलब है कि नीतीश कुमार जब बीजेपी के साथ थे, तो आपराधिक छवि के चलते ओझा को कभी चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला। इस दौरान उनके छोटे भाई की पत्नी मुन्नी देवी ने दो बार (वर्ष 2005 और 2010) साहपुर विधानसभा सीट से जीत दर्ज की। भाजपा ने पिछले वर्ष हुए चुनाव में उन्हें टिकट दिया था, लेकिन आरजेडी उम्मीदवार मुन्ना तिवारी के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
वहीं. बिहार में अपहरण और हत्याओं की हाल की घटनाओं के बाद भाजपा लगातार यह आरोप लगा रही है कि राज्य में 'जंगल राज' की वापसी हो गई है और तीसरी बार चुने गए मुख्यमंत्री कानून व्यवस्था की स्थिति सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे। जंगल राज शब्द उस समय प्रचलन में आया था जब लालू यादव के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सत्ता में था । गौरतलब है कि आरजेडी और कांग्रेस इस समय जेडीयू के साथ बिहार में सत्ता की साझेदार है।
ओझा को उस वक्त गोली मारी गई जब वो एक शादी से लौट रहे थे। इस मामले में एक को गिरफ़्तार किया है। जबकि आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के मुताबिक हत्या की वजह आपसी दुश्मनी हो सकती है। ओझा पर हत्या, लूट समेत कुल 16 मामले दर्ज थे।
विशेश्वर ओझा की हत्या से पहले शुक्रवार सुबह 12 बजे छपरा के तरैया में बीजेपी नेता केदार सिंह की गोली मारकर हत्या की गई। बिहार बीजेपी ने राज्य में बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। वहीं, एलजेपी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।
गौरतलब है कि नीतीश कुमार जब बीजेपी के साथ थे, तो आपराधिक छवि के चलते ओझा को कभी चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला। इस दौरान उनके छोटे भाई की पत्नी मुन्नी देवी ने दो बार (वर्ष 2005 और 2010) साहपुर विधानसभा सीट से जीत दर्ज की। भाजपा ने पिछले वर्ष हुए चुनाव में उन्हें टिकट दिया था, लेकिन आरजेडी उम्मीदवार मुन्ना तिवारी के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
वहीं. बिहार में अपहरण और हत्याओं की हाल की घटनाओं के बाद भाजपा लगातार यह आरोप लगा रही है कि राज्य में 'जंगल राज' की वापसी हो गई है और तीसरी बार चुने गए मुख्यमंत्री कानून व्यवस्था की स्थिति सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे। जंगल राज शब्द उस समय प्रचलन में आया था जब लालू यादव के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सत्ता में था । गौरतलब है कि आरजेडी और कांग्रेस इस समय जेडीयू के साथ बिहार में सत्ता की साझेदार है।
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