
- पंजाब की 16 वर्षीय तन्वी शर्मा ने गुवाहाटी में बैडमिंटन वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता है
- भारत ने 2008 के बाद वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में कोई गोल्ड मेडल नहीं जीता है, तन्वी तीसरी महिला पदक विजेता हैं
- फाइनल मैच में तन्वी थाइलैंड की आन्यापत फिचितप्रीचसक से सीधे गेम में हार गईं और सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा
साल 2008 में भारत की साइना नेहवाल ने बैडमिंटन वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप का गोल्ड मेडल अपने नाम किया था, तब पंजाब की तन्वी शर्मा का जन्म भी नहीं हुआ था. भारत 2008 के बाद इस टूर्नामेंट में कोई और पदक भी नहीं जीत सका. तन्वी भारत की सिर्फ तीसरी जूनियर महिला खिलाड़ी हैं जो बैडमिंटन वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप का पदक जीत पाईं हैं. पंजाब की 16 साल की तन्वी शर्मा ने गुवाहाटी में हुए बैडमिंटन वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप के फाइनल तक बेहद शानदार गेम दिखाया, लेकिन आखिरकार फाइनल में वो थाइलैंड की आन्यापत फिचितप्रीचसक से सीधे गेम में हार गईं और सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा
फाइनल में जल्दबाजी में दिखीं तन्वी
10 बार की नेशनल चैंपियन रहीं मंजुषा कंवर कहती हैं, टशायद तन्वी दबाव में आ गईं और इसलिए फाइनल मैच गंवा दिया. हमें इस पहलू पर काम करने की जरूरत है. लेकिन ये भी है कि तन्वी ने पूरे टूर्नामेंट में अच्छा खेल दिखाया. वो बड़ा टूर्नामेंट खेली है. भारत के लिए भी ये टूर्नामेंट अच्छा रहा है. तन्वी से उन्नति, अनमोल और उस ग्रुप की दूसरी कई खिलाड़ियों को इससे फायदा ज़रूर होगा.'
टॉप रैंकिंग वाली तन्वी शर्मा ने दूसरी रैंकिंग वाली थाइलैंड की आन्यापत के खिलाफ अच्छी शुरुआत की. कॉर्नर्स में 17 साल आन्यापत को धकेलती भी रहीं और लेंथ का गेम भी दिखाया. लेकिन वो प्वाइंट्स हासिल करने की जल्दबाज़ी में दिखीं और पहला गेम 7-15 से गंवा दिया.
दूसरे गेम में भी तन्वी ने अच्छी बढ़त हासिल कर रखी थी. मगर आन्यापत ने शानदार कमबैक करते हुए दूसरा गेम भी 15-12 से अपने नाम कर लिया. थाइलैंड की आन्यापत ने गोल्ड मेडल जीता जबकि तन्वी को घरेलू दर्शकों के सामने सिल्वर से संतोष करना पड़ा.
वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप्स में बड़ी कामयाबी
बैडमिंटन जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में 1996 में अपर्णा पोपट ने फाइनल तक का सफ़र किया था. फिर साइना नेहवाल ने पुणे में हुई 2008 में वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में जापान की सायाका सातो को हराकर गोल्ड मेडल जीता था.
वरिष्ठ बैडमिंटन पत्रकार अभिजीत कुलकर्णी कहते हैं, “आज उनका दिन नहीं था. तन्वी की मां उनकी पहली कोच रही हैं और उनकी फैमिली का बहुत सपोर्ट रहा है. उनकी बड़ी बहन राधिका भी अच्छे लेवल पर बैटमिंटन खेलती हैं. तन्वी का गेम क्लासिक स्ट्रोक पर निर्भर करता है. इसलिए उनका गेम देखने में बहुत अच्छा लगता है.”
यंग साइना नेहवाल की याद दिलातीं पंजाब की 16 साल की तन्वी ने सिल्वर जीतकर भारतीय मज़बूत होते बेंच का इशारा किया है. अपर्णा पोपट और साइना नेहवाल के बाद इतने बड़े टूर्नामेंट का मेडल जीतने वाली तन्वी तीसरी खिलाड़ी बन गईं हैं.
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