भारतीय हॉकी टीम (Indian Hockey Team) के गोलकीपर पीआर श्रीजेश (PR Sreejesh) ने NDTV से बात की और ओलंपिक में टीम के जर्नी को लेकर च्रर्चा की. बातचीत को दौरान श्रीजेश ने ये भी बताया कि उन्होंने क्यों भारतीय महिला हॉकी टीम का ब्रॉन्ज मेडल मैच नहीं देखा. इसके पीछे के कारण को लेकर भारतीय गोलकीपर ने कहा कि, 'जब हम उनका सेमीफाइनल मैच देख रहे थे, हम अपने अगले मैच की तैयारी कर रहे थे, हम एक टीम मीटिंग कर रहे थे, हमने मीटिंग रोक दी और प्रोजेक्टर पर लाइव टेलीकास्ट मैच को देखा था. आपको विश्वास नहीं होगा कि मुझ पर इतना दबाव कभी नहीं आया होगा, वहां बैठकर मैच देख रहा था. विश्व कप या ओलंपिक या कुछ भी खेलते हुए भी मैंने कभी उस दबाव को महसूस नहीं किया. मैं सचमुच अपने दिल को अपनी टी-शर्ट के बाहर धड़कते हुए देख सकता था.'
श्रीजेश ने आगे कहा कि, 'मेरा विश्वास किजिए अगला मैच, जब वे तीसरे-चौथे स्थान के लिए खेल रहे थे, मैंने कहा कि मैं इसे देखने नहीं जा रहा हूं, क्योंकि मैं मर जाऊंगा, क्या हो रहा है, यह जानने के लिए मैंने सिर्फ लाइव डेटा की जानकारी रखी थी.'
बता दें कि ब्रॉन्ज मेडल मैच में जहां भारतीय पुरूष हॉकी टीम ने शानदार परफॉर्मेंस कर जर्मनी को हराया तो वहीं दूसरी ओर भारतीय महिला हॉकी टीम को ब्रॉन्ज मेडल वाले मैच में ग्रेट ब्रिटेन से 3-4 से मैच हारना पड़ा. भारतीय महिला टीम टोक्यो में नंबर 4 पर रही थी.
VIDEO: पीआर श्रीजेश ने एनडीटीवी को बताया, आखिर उन्होंने क्यों नहीं देखा महिला हॉकी टीम का ब्रॉन्ज मैडल मैच.
भारतीय महिला टीम (Indian Women Hockey Team) की गोलकीपर सविता पूनिया (Savita Punia) ने भी अपने अनुभव NDTV से साझा की, सविता ने कहा कि रियो में हमारा परफॉर्मेंस अच्छा नहीं रहा था. ऐसे में हम टोक्यो में अच्छा करना चाहते थे. लेकिन ब्रॉन्ज मेडल मैच जिस तरह से समाप्त हुआ वहां, मैं अपने इमोशनल को रोक नहीं पाई.
सविता ने आगे कहा कि, 'पिछला ओलंपिक पूरी टीम के लिए अच्छा नहीं रहा और विशेष रूप से मैं अपने प्रदर्शन से खुश नहीं थी, मैं इस बार अच्छा प्रदर्शन करने पर ध्यान केंद्रित कर रही थी और जिस तरह से यह समाप्त हुआ, मैं अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर सकी और टूट गई. बता दें कि ओलंपिक के इतिहास में भारतीय महिला टीम ने सेमीफाइऩल मैच खेला था.
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