निकहत जरीन के बाद विश्व चैंपियनशिप में लवलीना ने भी गोल्ड मेडल पर मुक्का मारा है. ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता लवलीना बोर्गोहेन ने दो बार की राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता ऑस्ट्रेलिया की कैटलिन पार्कर के खिलाफ जीत दर्ज की. लवलीना ने रविवार को 75 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड मेडल अपने नाम किया. बता दें, इससे पहले निकहत जरीन दो स्वर्ण पदक अपने नाम करने वाली केवल दूसरी भारतीय महिला मुक्केबाज बनी. निकहत ने रविवार को इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के केडी जाधव हाल में आयोजित महिंद्रा आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था, बता दें, भारत का यह टूर्नामेंट का चौथा स्वर्ण पदक है.
अपने नाम के अनुरूप औऱ लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए निकहत (50 किग्रा) ने दो बार की एशियाई चैंपियन वियतनाम की गुयेन थी टैम के खिलाफ अपने आक्रामक प्रदर्शन के साथ मुकाबले को आगे बढ़ाया और 5-0 से एकतरफा अंदाज में शानदार जीत हासिल करने में सफल रहीं. मौजूदा विश्व चैंपियन निकहत ने शुरुआत से ही सटीक मुक्के मारकर और वियतनामी के हमलों को चकमा देने के लिए अपने तेज फुटवर्क का इस्तेमाल करके बाउट में अपना दबदबा कायम रखा.
𝐓𝐇𝐈𝐑𝐃 𝐆𝐎𝐋𝐃 𝐅𝐎𝐑 𝐈𝐍𝐃𝐈𝐀 🇮🇳
— Doordarshan Sports (@ddsportschannel) March 26, 2023
NIKHAT ZAREEN beat Nguyen Thi Tam of Vietnam by 5⃣-0⃣ in the #WorldChampionships #WWCHDelhi #Boxing #WBC2023 #WBC @nikhat_zareen #NikhatZareen pic.twitter.com/EjktqCP4pi
तेलंगाना निवासी निकहत ने पहले राउंड में शानदार प्रदर्शन किया और 5-0 की स्कोरलाइन के साथ आगे रहीं. गुयेन ने हालांकि दूसरे राउंड में शानदार वापसी की और 3-2 स्कोरलाइन के साथ मुकाबले को रोचक बनाए रखा. अंतिम राउंड में निकहत ने अपना संयम बनाए रखा और एक सनसनीखेज आक्रामक प्रदर्शन के साथ यह साबित कर दिया कि क्यों वह इस खेल में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक है. और इस तरह निखत सभी जजों को प्रभावित करते हुए एकतरफा अंदाज में जीत हासिल करने में सफल रहीं.
इस जीत के साथ, निकहत भारत की महान मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम की बराबरी पर आ गई हैं. मैरी कॉम ने भी विश्व चैंपियनशिप में लगातार दो स्वर्ण जीता है। मैरी ने हालांकि इस वैश्विक प्रतियोगिता में रिकॉर्ड छह स्वर्ण पदक जीते हैं.
निकहत ने दूसरा स्वर्ण पदक जीतने के बाद कहा, “मैं दूसरी बार विश्व चैंपियन बनकर बेहद खुश हूं, खासकर एक अलग वेट कटेगरी में. पूरे टूर्नामेंट में आज का मुकाबला मेरा सबसे कठिन मुकाबला था और चूंकि यह टूर्नामेंट का आखिरी मैच था इसलिए मैं अपनी ऊर्जा का पूरी तरह से उपयोग करना चाहती थी और सब कुछ रिंग में छोड़ देना चाहती थी. यह बाउट का एक रोलर कोस्टर था, जिसमें हम दोनों को चेतावनी के साथ-साथ आठ काउंट भी मिले और यह बहुत करीबी मुकाबला था. अंतिम राउंड में मेरी रणनीति थी कि मैं पूरी ताकत से आक्रमण करूं और जब विजेता के रूप में मेरा हाथ उठा तो मुझे बहुत खुशी हुई. यह पदक मेरे देश और उन सभी के लिए है जिन्होंने पूरे टूर्नामेंट में हमारा समर्थन और हमारी हौसला अफजाई की है."
"ये बाउट मेरे सबसे मुश्किल बाउट में से एक था..."गोल्ड मेडल जीतने के बाद बोलीं निकहत जरीन pic.twitter.com/weWw1PrRHk
— NDTV India (@ndtvindia) March 26, 2023
इस साल के टूर्नामेंट के लिए फ्लाइवेट से लाइट फ्लाईवेट में शिफ्ट करने के बावजूद तेलंगाना की इस 26 वर्षीय मुक्केबाज ने अपने नए भार वर्ग में बहुत अच्छी तरह से एडजस्ट किया और पूरे टूर्नामेंट में उच्चतम स्तर पर प्रदर्शन किया. उन्होंने उल्लेखनीय रूप से शीर्ष वरीयता प्राप्त अल्जीरिया की अफ्रीकी चैंपियन रौमेसा बौआलम, दो बार की विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता थाईलैंड की चुथमत रक्सत और रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता कोलंबिया की इंग्रिट वेलेंसिया के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन कर जीत हासिल की.
निकहत की जीत पर टिप्पणी करते हुए भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा, "निकहत को लगातार दूसरे वर्ष विश्व चैंपियन बनने पर बधाई. मुझे यकीन है कि वह देश भर की युवा लड़कियों के लिए देश के लिए स्वर्ण पदक जीतने का एक चमकदार उदाहरण बनेंगी. वह आने वाले वर्षों के लिए चैंपियन बनने जा रही है और हम निश्चित रूप से 2024 में यहां से ओलंपिक पदक की उम्मीद करते हुए दिखाई दे रहे हैं.”
निकहत की जीत से पहले भारत के लिए इससे पहले 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता नीतू घणघस (48 किग्रा) और तीन बार की एशियाई पदक विजेता स्वीटी बूरा (81 किग्रा) ने भी शनिवार को अपने देश के लिए स्वर्ण पदक जीता था.
इससे पहले रविवार को ही 54 किग्रा भार वर्ग में, टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता चीनी ताइपे की हुआंग सियाओ-वेन ने कोलंबिया की एरियस कास्टानेडा येनी मार्सेला को 5-0 से हराकर विश्व चैंपियनशिप में अपना दूसरा स्वर्ण पदक हासिल किया.
20 करोड़ रुपये के विशाल पुरस्कार पूल के साथ इस प्रतिष्ठित वैश्विक इवेंट में 12 भार वर्गों में 65 देशों की कई ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाजों सहित 324 मुक्केबाजों ने भाग लिया.
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