प्रतीकात्मक तस्वीर
मेरठ:
उत्तर प्रदेश के मेरठ मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में भर्ती एक जूनियर डॉक्टर की शुक्रवार रात मौत हो जाने पर साथी जूनियर डॉक्टरों ने सीनियर डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया और अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में तोड़फोड़ भी की।
इस दौरान जूनियर और सीनियर डॉक्टरों के बीच आपस में मारपीट भी हुई। हालांकि पुलिस का कहना है कि उसे इस तरह के हंगामे और मारपीट की घटना की कोई जानकारी नहीं है ।
एसएसपी डीके दूबे ने बातचीत में इस घटना को मेडिकल कॉलेज का अंदरुनी मामला बताते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने सीनियर डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। बहरहाल,इस संबंध में अभी तक पुलिस के पास किसी भी पक्ष की तरफ से कोई तहरीर नही आई है।
मेडिकल कॉलेज सूत्रों के अनुसार डॉ. संजीत (32) एमबीबीएस करने के बाद मेरठ के मेडिकल कॉलेज में बतौर जूनियर डॉक्टर इंटर्नरशिप कर रहे थे। वे कुछ दिन से पेट दर्द की बामारी से परेशान थे। उन्होंने कॉलेज में चिकित्सकों के परामर्श के बाद एक्सरे भी कराया था। शुक्रवार को पेट में बहुत तेज दर्द की शिकायत को लेकर डॉ. संजीत मेडिकल कॉलेज के गैस्ट्रोएंट्रोलोजिस्ट को दिखाने गये लेकिन यहां करीब एक घंटे इंतजार करने के बाद भी जब उनका नम्बर नहीं आया तो वह दूसरे डाक्टर के पास गये जिसने मामूली बीमारी बता कर उन्हें वापस कर दिया।
लौटने पर जब उनका दर्द असहनीय हो गया तो उन्हें इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। जहां उनकी करीब एक घंटे बाद ही मौत हो गई। उनकी मौत के बाद जूनियर डॉक्टर गुस्से में आ गए और उन्होंने हंगामा करते हुए इमरजेंसी में तोड़फोड़ शुरु कर दी। यहां उनकी सीनियर डॉक्टरों से मारपीट भी हुई। सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंच कर स्थिति को काबू में किया।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. के के गुप्ता ने बताया कि घटना की जांच कराई जा रही है। जांच में यदि कोई भी दोषी पाया जाता हो तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
इस दौरान जूनियर और सीनियर डॉक्टरों के बीच आपस में मारपीट भी हुई। हालांकि पुलिस का कहना है कि उसे इस तरह के हंगामे और मारपीट की घटना की कोई जानकारी नहीं है ।
एसएसपी डीके दूबे ने बातचीत में इस घटना को मेडिकल कॉलेज का अंदरुनी मामला बताते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने सीनियर डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। बहरहाल,इस संबंध में अभी तक पुलिस के पास किसी भी पक्ष की तरफ से कोई तहरीर नही आई है।
मेडिकल कॉलेज सूत्रों के अनुसार डॉ. संजीत (32) एमबीबीएस करने के बाद मेरठ के मेडिकल कॉलेज में बतौर जूनियर डॉक्टर इंटर्नरशिप कर रहे थे। वे कुछ दिन से पेट दर्द की बामारी से परेशान थे। उन्होंने कॉलेज में चिकित्सकों के परामर्श के बाद एक्सरे भी कराया था। शुक्रवार को पेट में बहुत तेज दर्द की शिकायत को लेकर डॉ. संजीत मेडिकल कॉलेज के गैस्ट्रोएंट्रोलोजिस्ट को दिखाने गये लेकिन यहां करीब एक घंटे इंतजार करने के बाद भी जब उनका नम्बर नहीं आया तो वह दूसरे डाक्टर के पास गये जिसने मामूली बीमारी बता कर उन्हें वापस कर दिया।
लौटने पर जब उनका दर्द असहनीय हो गया तो उन्हें इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। जहां उनकी करीब एक घंटे बाद ही मौत हो गई। उनकी मौत के बाद जूनियर डॉक्टर गुस्से में आ गए और उन्होंने हंगामा करते हुए इमरजेंसी में तोड़फोड़ शुरु कर दी। यहां उनकी सीनियर डॉक्टरों से मारपीट भी हुई। सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंच कर स्थिति को काबू में किया।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. के के गुप्ता ने बताया कि घटना की जांच कराई जा रही है। जांच में यदि कोई भी दोषी पाया जाता हो तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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