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This Article is From Sep 01, 2016

पांच साल की मासूम के नेत्रदान से दो परिवारों को मिली रोशनी

पांच साल की मासूम के नेत्रदान से दो परिवारों को मिली रोशनी
प्रतीकात्मक तस्वीर
मथुरा: पांच वर्ष की मासूम बच्ची की अकाल मौत के बाद दुखी मां-बाप ने बेटी की आंखें दानकर दो परिवारों के अंधेरे जीवन में रोशनी भर दी.

बीते 23 अगस्त को स्कूल वैन से घर लौट रही वृन्दावन की स्कूली छात्रा ऐश्वर्या नगर पालिका की कूड़ा गाड़ी के साथ हुई दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गई थी. उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों की सलाह पर परिजन उसे दिल्ली ले गए.

पिता लक्ष्मीनारायण ने बताया कि डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. लेकिन अंतिम सांस लेने से पूर्व अपने स्कूल में नेत्रदान की महत्ता जान चुकी बच्ची ने अपने नेत्रदान करने की इच्छा प्रकट की.

बच्ची की मृत्यु उपरांत अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान पहुंचकर बेटी का संकल्प पूरा किया. उन्होंने बताया कि वहां पहले से ही नेत्रदान पाने के लिए कतार में दो लोगों को छह घंटे के भीतर ही कॉर्निया ट्रांसप्लांट कर दिया, जिससे उन लोगों के अंधेरे जीवन में एक बार फिर रौशनी हो गई.

उन्होंने कहा कि बेटी के हाथों हम भी इतने महान कार्य के पुण्य के भागी बनेंगे, ऐसा कभी सपने में भी न सोचा था. उन्होंने बताया कि एम्स के डॉक्टरों ने अस्पताल के नियमों के अनुसार उन लोगों की पहचान उजागर नहीं की, जिन्हें नेत्रदान का लाभ मिला.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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