विवादित इस्लामी प्रचारक जाकिर नाईक (फाइल फोटो)
मुंबई:
विवादित इस्लामी प्रचारक जाकिर नाईक के पिता अब्दुल करीब नाईक का रविवार तड़के दिल का दौरा पड़ने से मुंबई स्थित उनके आवास पर निधन हो गया. 87 साल के अब्दुल पेशे से एक फिजिशयन और शिक्षाविद थे.
जाकिर के एक सहयोगी ने बताया, ‘मझगांव स्थित अपने आवास पर तड़के 3:30 बजे उन्हें दिल का दौरा पड़ा और वह उससे उबर नहीं सके. अब्दुल पिछले कुछ समय से बीमार थे. इसी इलाके के एक कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया.’ तटीय महाराष्ट्र के रत्नागिरि में जन्मे अब्दुल पेशे से डॉक्टर थे. मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों के निजी संगठन बॉम्बे साइकिऐट्रिक सोसाइटी के वह 1994-95 में अध्यक्ष भी थे. वह शिक्षा के क्षेत्र में भी सक्रिय थे.
बीते जुलाई महीने में बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हमला करने वाले कुछ आतंकवादियों के कथित तौर पर जाकिर के उपदेशों से प्रेरित होने की खबरें सामने आने से पैदा हुए विवाद के वक्त जाकिर विदेश में थे और उसके बाद से वह भारत नहीं आए हैं. जाकिर अपने पिता को श्रद्धांजलि देने के लिए जल्द ही भारत आ सकते हैं.
जाकिर की ओर से अपने पिता के अंतिम-संस्कार में शरीक न होने के बारे में पूछे जाने पर उनके सहयोगी ने बताया, ‘वह शरीक हो पाने में सक्षम नहीं थे. वह जल्द ही यहां आकर अपने पिता को श्रद्धांजलि देंगे.’ जाकिर नाइक का एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन भी सुरक्षा एजेंसियों की जांच के दायरे में है. इस एनजीओ को जल्द ही आतंकवाद निरोधक कानून के तहत प्रतिबंधित किया जा सकता है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
जाकिर के एक सहयोगी ने बताया, ‘मझगांव स्थित अपने आवास पर तड़के 3:30 बजे उन्हें दिल का दौरा पड़ा और वह उससे उबर नहीं सके. अब्दुल पिछले कुछ समय से बीमार थे. इसी इलाके के एक कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया.’ तटीय महाराष्ट्र के रत्नागिरि में जन्मे अब्दुल पेशे से डॉक्टर थे. मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों के निजी संगठन बॉम्बे साइकिऐट्रिक सोसाइटी के वह 1994-95 में अध्यक्ष भी थे. वह शिक्षा के क्षेत्र में भी सक्रिय थे.
बीते जुलाई महीने में बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हमला करने वाले कुछ आतंकवादियों के कथित तौर पर जाकिर के उपदेशों से प्रेरित होने की खबरें सामने आने से पैदा हुए विवाद के वक्त जाकिर विदेश में थे और उसके बाद से वह भारत नहीं आए हैं. जाकिर अपने पिता को श्रद्धांजलि देने के लिए जल्द ही भारत आ सकते हैं.
जाकिर की ओर से अपने पिता के अंतिम-संस्कार में शरीक न होने के बारे में पूछे जाने पर उनके सहयोगी ने बताया, ‘वह शरीक हो पाने में सक्षम नहीं थे. वह जल्द ही यहां आकर अपने पिता को श्रद्धांजलि देंगे.’ जाकिर नाइक का एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन भी सुरक्षा एजेंसियों की जांच के दायरे में है. इस एनजीओ को जल्द ही आतंकवाद निरोधक कानून के तहत प्रतिबंधित किया जा सकता है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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