पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम देवेंद्र फडणवीस के साथ उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)
- 23 जनवरी को उद्धव ने BMC चुनावों के लिए शिवसेना का घोषणा पत्र जारी किया
- उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि वर्तमान गठबंधन फिलहाल बना रहेगा
- शिवसेना अपने सहयोगी दल की मांगों के आगे झुकने को तैयार नहीं थी
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मुंबई:
आगामी BMC चुनाव के लिए शिवसेना ने बीजेपी के साथ जारी 25 साल पुराना गठबंधन तोड़ दिया है. शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुंबई में पदाधिकारियों के रैली में बोलते हुए दो टूक कह दिया कि पार्टी ने गठबंधन में रहकर 25 साल बर्बाद किए. अब वो महाराष्ट्र में अकेले आगे बढ़ेगी. तय पटकथा के अनुसार शिवसेना ने मुम्बई के NSE ग्राउंड में आयोजित सभा में बीजेपी पर आग उगलने का कोई मौका नहीं छोड़ा. उद्धव ने दो टूक कहा कि, 'मैं ऐलान कर रहा हूं, आज के बाद भविष्य में शिवसेना अकेली महाराष्ट्र में भगवा लहराएगी. अब के बाद मैं गठबंधन के लिए किसी के दरवाजे पर कटोरा ले कर नहीं जाऊंगा. जो कुछ होगा वो मेरे शिवसैनिकों का, शिवसेना प्रमुख का, हमारा होगा. किसी की भीख नहीं. इसकी की शुरुआत के रूप में महानगर पालिका और जिला परिषद के आगामी चुनाव में कहीं भी हम गठबंधन नहीं करेंगे. मेरा शिवसैनिक शिवसेना के साथ गद्दारी नहीं करेगा. अब लड़ाई शुरू हो चुकी है.
बीजेपी से रिश्ते ख़त्म करने के लिए वजह बना सीटों का बंटवारा. बीजेपी का इस चुनाव में 50-50 फॉर्मूले के तहत आधी सीटें मांगना शिवसेना को नागवार गुजरा है. इसे उद्धव ठाकरे ने बिना हैसियत रखा प्रस्ताव करार देते हुए शिवसेना का अपमान करार दिया.
ग़ौरतलब है कि एशिया की सबसे अमीर महानगर पालिका की लड़ाई में शिवसेना ने बीजेपी को गत चुनाव के मुकाबले 5 सीटें कम देने का ऑफर दिया था. बीजेपी ने पिछले चुनाव में 65 सीटें लड़ी थी. ऐसे में बीजेपी ने भी इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर अकेले चुनाव में उतरने का फैसला किया है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना की रैली के बाद तुरंत ही ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने लिखा, सत्ता साध्य है. साधन नहीं. परिवर्तन तो होगा. जो आयेगा उसके साथ जो नहीं आयेगा उसके बगैर.
21 फरवरी को 227 सीटों वाली मुम्बई महानगरपालिका में वोट पड़ने हैं. इसी के साथ अन्य 9 महानगरपालिका और 25 ज़िला परिषद के चुनाव भी महाराष्ट्र में हो रहे हैं.
वैसे, बीजेपी - शिवसेना गठबंधन देश का सबसे लंबा चला अनूठा गठबंधन है जो जरूरत अनुसार बदलता है. लोकसभा चुनाव में एक साथ रहे ये दल, विधानसभा चुनाव में एक दूसरे के खिलाफ़ लड़े, और फिर सत्ता के लिए शिवसेना ने बीजेपी का दामन थाम लिया.
इस बीच, महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष रावसाहब दानवे ने दावा किया है कि शिवसेना के अकेले चुनाव लड़ने के फैसले का राज्य की बीजेपी सरकार पर कोई असर नहीं होगा.
बीजेपी से रिश्ते ख़त्म करने के लिए वजह बना सीटों का बंटवारा. बीजेपी का इस चुनाव में 50-50 फॉर्मूले के तहत आधी सीटें मांगना शिवसेना को नागवार गुजरा है. इसे उद्धव ठाकरे ने बिना हैसियत रखा प्रस्ताव करार देते हुए शिवसेना का अपमान करार दिया.
ग़ौरतलब है कि एशिया की सबसे अमीर महानगर पालिका की लड़ाई में शिवसेना ने बीजेपी को गत चुनाव के मुकाबले 5 सीटें कम देने का ऑफर दिया था. बीजेपी ने पिछले चुनाव में 65 सीटें लड़ी थी. ऐसे में बीजेपी ने भी इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर अकेले चुनाव में उतरने का फैसला किया है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना की रैली के बाद तुरंत ही ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने लिखा, सत्ता साध्य है. साधन नहीं. परिवर्तन तो होगा. जो आयेगा उसके साथ जो नहीं आयेगा उसके बगैर.
21 फरवरी को 227 सीटों वाली मुम्बई महानगरपालिका में वोट पड़ने हैं. इसी के साथ अन्य 9 महानगरपालिका और 25 ज़िला परिषद के चुनाव भी महाराष्ट्र में हो रहे हैं.
वैसे, बीजेपी - शिवसेना गठबंधन देश का सबसे लंबा चला अनूठा गठबंधन है जो जरूरत अनुसार बदलता है. लोकसभा चुनाव में एक साथ रहे ये दल, विधानसभा चुनाव में एक दूसरे के खिलाफ़ लड़े, और फिर सत्ता के लिए शिवसेना ने बीजेपी का दामन थाम लिया.
इस बीच, महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष रावसाहब दानवे ने दावा किया है कि शिवसेना के अकेले चुनाव लड़ने के फैसले का राज्य की बीजेपी सरकार पर कोई असर नहीं होगा.
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