मुंबई:
महाराष्ट्र सरकार ने एक आईपीएस का गुरुवार को आनन फानन में तबादला कर दिया। मुम्बई पुलिस के ज्वाइंट सीपी धनंजय कमलाकर को गुरुवार शाम तात्काल प्रभाव से उनकी जिम्मेदारी से मुक्त किया गया। वे मुम्बई पुलिस की वित्तीय घोटाले की जांच करनेवाली शाखा के मुखिया थे। कमलाकर के बेटे का नाम इसी दिन महाराष्ट्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन अर्थात MIDC की सरकारी जमीन को हड़पने के विवाद में उछला था।
गुरुवार को सामने आए जमीन घोटाले में पाया गया कि आईपीएस धनंजय कमलाकर के बेटे रोहित कमलाकर पर पुणे की रांजणगांव MIDC में सरकारी जमीन हड़पने का आरोप है। आरोप यह भी थे कि अंदाजन 205 करोड़ रुपये की इस जमीन को रोहित ने औनीपौनी क़ीमत पर ख़रीदा। लेकिन, इस सौदे के लिए रकम कहां से जुटाई इसका स्पष्ट खुलासा नहीं किया। जिससे राजनितिक हलकों में ये सवाल उठा कि बेटे के इतने अहम फैसले की सूचना पिता को न हो ऐसा कैसे हो सकता है?
मामला तब और गंभीर हुआ जब NDTV इंडिया से एक्सक्लूसिव बातचीत में राज्य के उद्योगमंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि विवादित जमीन MIDC की ही है और ग़लत तौर तरीकों को अपनाकर MIDC को गुमराह कर इसे हड़पने की कोशिश रोहित कमलाकर और अन्य लोगों ने की। सरकार इस फ्रॉड के खिलाफ़ कोर्ट में लड़ाई लड़ते हुए यह मांग करती है कि विवादित जमीन के सौदे को रद्द किया जाए।
सरकारी मंत्री के इस बयान के बाद राजनीतिक माहौल ही बदल गया। सरकार पर इस बात को लेकर दबाव था कि वो सरकारी जमीन हड़पने के मामले में कठोर कार्रवाई करे। ज्ञात हो कि इसी तरह सरकारी जमीन को हड़पने के आरोप में बीजेपी के वरिष्ठ नेता एकनाथ खड़से को हाल ही में पद से हटाया गया है।
इस मामले में 4 जून 2016 पुणे SP के कार्यालय में FIR हुई है। जबकि, रोहित कमलाकर और अन्य की सरकारी जमीन खरीदी की कोशिश कोर्ट ने नकार दी है। जिसके बाद गैरकानूनी तरीके से MIDC की जमीन खरीदने मामले की जांच का ऐलान किया गया है। ताकि दोषियों पर कार्रवाई हो सके।
ऐसे में सरकारी विभाग ने एक आदेश जारी कर कह दिया कि आईपीएस धनंजय कमलाकर को मौजूदा जिम्मेदारी से तुरंत मुक्त किया जाए। वे अब कोस्टल सिक्योरिटी और विशेष सुरक्षा के विशेष महानिदेशक होंगे। कमलाकर की जगह प्रवीण सालुंखे लेंगे। दोनों अधिकारीयों को अपने नए पदों का जिम्मा तुरंत स्वीकार कर रिपोर्ट देने को कहा गया है।
मुम्बई पुलिस कि क्राइम ब्रांच प्रमुख के रूप में धनंजय कमलाकर ने छोटा राजन गिरोह के सदस्य कुख्यात फरीद तनाशा और विकी मल्होत्रा को गिरफ्तार किया था। उनकी इस कार्रवाई पर तब कइयों की भवें तन गयी थी। बताया जा रहा है कि कमलाकर की इस कार्रवाई से माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम को ख़त्म करने की भारतीय सुरक्षा एजेंसीयों की पहली और आख़री कोशिश ध्वस्त हो गई।
गुरुवार को सामने आए जमीन घोटाले में पाया गया कि आईपीएस धनंजय कमलाकर के बेटे रोहित कमलाकर पर पुणे की रांजणगांव MIDC में सरकारी जमीन हड़पने का आरोप है। आरोप यह भी थे कि अंदाजन 205 करोड़ रुपये की इस जमीन को रोहित ने औनीपौनी क़ीमत पर ख़रीदा। लेकिन, इस सौदे के लिए रकम कहां से जुटाई इसका स्पष्ट खुलासा नहीं किया। जिससे राजनितिक हलकों में ये सवाल उठा कि बेटे के इतने अहम फैसले की सूचना पिता को न हो ऐसा कैसे हो सकता है?
मामला तब और गंभीर हुआ जब NDTV इंडिया से एक्सक्लूसिव बातचीत में राज्य के उद्योगमंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि विवादित जमीन MIDC की ही है और ग़लत तौर तरीकों को अपनाकर MIDC को गुमराह कर इसे हड़पने की कोशिश रोहित कमलाकर और अन्य लोगों ने की। सरकार इस फ्रॉड के खिलाफ़ कोर्ट में लड़ाई लड़ते हुए यह मांग करती है कि विवादित जमीन के सौदे को रद्द किया जाए।
सरकारी मंत्री के इस बयान के बाद राजनीतिक माहौल ही बदल गया। सरकार पर इस बात को लेकर दबाव था कि वो सरकारी जमीन हड़पने के मामले में कठोर कार्रवाई करे। ज्ञात हो कि इसी तरह सरकारी जमीन को हड़पने के आरोप में बीजेपी के वरिष्ठ नेता एकनाथ खड़से को हाल ही में पद से हटाया गया है।
इस मामले में 4 जून 2016 पुणे SP के कार्यालय में FIR हुई है। जबकि, रोहित कमलाकर और अन्य की सरकारी जमीन खरीदी की कोशिश कोर्ट ने नकार दी है। जिसके बाद गैरकानूनी तरीके से MIDC की जमीन खरीदने मामले की जांच का ऐलान किया गया है। ताकि दोषियों पर कार्रवाई हो सके।
ऐसे में सरकारी विभाग ने एक आदेश जारी कर कह दिया कि आईपीएस धनंजय कमलाकर को मौजूदा जिम्मेदारी से तुरंत मुक्त किया जाए। वे अब कोस्टल सिक्योरिटी और विशेष सुरक्षा के विशेष महानिदेशक होंगे। कमलाकर की जगह प्रवीण सालुंखे लेंगे। दोनों अधिकारीयों को अपने नए पदों का जिम्मा तुरंत स्वीकार कर रिपोर्ट देने को कहा गया है।
मुम्बई पुलिस कि क्राइम ब्रांच प्रमुख के रूप में धनंजय कमलाकर ने छोटा राजन गिरोह के सदस्य कुख्यात फरीद तनाशा और विकी मल्होत्रा को गिरफ्तार किया था। उनकी इस कार्रवाई पर तब कइयों की भवें तन गयी थी। बताया जा रहा है कि कमलाकर की इस कार्रवाई से माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम को ख़त्म करने की भारतीय सुरक्षा एजेंसीयों की पहली और आख़री कोशिश ध्वस्त हो गई।
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