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'छोटा राजन के गणपति' से लेकर 'डैडी की देवी' तक, अंडरवर्ल्ड के माफिया मुंबई में कैसे मनाते थे उत्सव?

Ganesh Chaturthi: 10 दिवसीय गणेश महोत्सव की शुरुआत (Ganesh Chaturthi 2025) 27 अगस्त से होने जा रही है. गणेश उत्सव मुंबई का सबसे बड़ा त्योहार है. इस त्योहार को आम आदमी के साथ-साथ मुंबई अंडरवर्ल्ड के माफिया भी अपने तरीके से मनाते आए हैं.

'छोटा राजन के गणपति' से लेकर 'डैडी की देवी' तक, अंडरवर्ल्ड के माफिया मुंबई में कैसे मनाते थे उत्सव?
मुंबई के चेंबूर में सह्याद्री क्रीड़ा मंडल में लगने वाली प्रतिमा को 'छोटा राजन के गणपति' कहा जाता रहा है.
  • मुंबई में गणेशोत्सव सबसे बड़ा त्योहार है, जिसमें दस दिनों तक भव्य समारोह और झांकियां लगाई जाती हैं.
  • चेंबूर के सह्याद्री क्रीड़ा मंडल का गणपति प्रतिमा छोटा राजन से जुड़ा हुआ है, जो अंडरवर्ल्ड डॉन था.
  • छोटा राजन के दुबई चले जाने के बाद भी गणेशोत्सव के दौरान उनके दर्शन की अफवाहें उड़ती रखती थीं.
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मुंबई:

Ganesh Chaturthi: महाराष्ट्र में गणेश उत्सव की शुरुआत के साथ ही त्योहारों का मौसम भी शुरू हो रहा है. मुंबई की भागती-दौड़ती और तनाव भरी जिंदगी में ये त्योहार एक सुखद ब्रेक की तरह होते हैं. यही वजह है कि मुंबई एक उत्सव प्रेमी शहर माना जाता है और यहां के उत्सव प्रेमियों में आम मुंबईकरों के अलावा वे अंडरवर्लड डॉन भी शामिल हैं, जिन्होने अपने खौफ के जरिए कई दशकों तक इस शहर पर राज किया. मुंबई का सबसे बडा त्योहार गणेशोत्सव है. दस दिनों तक चलने वाले इस उत्सव की चमक-दमक देखते ही बनती है. मुंबई में कुछ ऐसे विशेष पंडाल हैं, जहां झांकियां बनाने के लिए खूब पैसा खर्च किया जाता है और जहां लोगों की खूब भीड़ लगती है. ऐसा ही एक पंडाल है- चेंबूर का सह्याद्री क्रीड़ा मंडल. यहां प्रतिष्ठापित गणेश प्रतिमा “छोटा राजन के गणपति” नाम से भी मशहूर हैं.

चेंबूर में छोटा राजन के गणपति

ऐसा इसलिए क्योंकि 1988 में भारत से भागने के पहले अंडरवर्लड डॉन राजन निकालजे यानी कि छोटा राजन इसी इलाके में रहता था. यहीं के सहकार सिनेमा के बाहर ब्लैक में टिकट बेचकर उसने अपने आपराधिक करियर की शुरुआत की थी. 1994 से पहले तक राजन अंडरवर्लड दाऊद इब्राहिम का दाहिना हाथ माना जाता था.

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भारत छोड़ने के बाद गणपति दर्शन के लिए आने की अफवाह

1986 में दाऊद जब मुंबई से भाग कर दुबई में बस गया तो उसके दो साल बाद छोटा राजन भी दुबई चला गया. हालांकि राजन ने भारत छोड़ दिया था लेकिन सह्याद्री क्रीड़ा मंडल के साथ उसका नाम जुडा रहा. दिलचस्प बात ये है कि राजन के दुबई जाने के बाद भी कई सालों तक ये अफवाह फैलती रही कि राजन भेष बदलकर गणेश उत्सव के दौरान किसी एक दिन गणपति बाप्पा के दर्शन करने जरूर आता है.

सह्याद्री क्रीड़ा मंडल में इस बार भी भव्य गणेशोत्सव

इसी अफवाह की वजह से हर साल सादे कपडों में मुंबई पुलिस के कर्मचारी पंडाल के इर्द गिर्द मंडराते रहते थे कि अगर राजन दिखा तो उसे धर दबोचा जाए. अंडरवर्ल्ड में छोटा राजन के दुश्मन भी उसके यहां मिलने की उम्मीद में पंडाल पर अपनी निगाह रखते थे. छोटा राजन की पत्नी सुजाता और बच्चे अब भी उस मैदान के बगल की इमारत में रहते हैं, जहां सह्याद्री क्रीड़ा मंडल का पंडाल सजता है.

सह्याद्री क्रीड़ा मंडल द्वारा इस साल लगाई गई गणपति की प्रतिमा.

सह्याद्री क्रीड़ा मंडल द्वारा इस साल लगाई गई गणपति की प्रतिमा.

भायखला के दगड़ी चाल में अरुण गवली की नवरात्रि

अगर चेंबूर के गणपति के साथ छोटा राजन का नाम जुड़ा है तो मुंबई के भायखला इलाके का एक दुर्गा पूजा पंडाल अंडरवर्लड डॉन अरूण गवली की वजह से चर्चित है. मिल मजदूर से गैंगस्टर बना गवली देवी मां का भक्त है. वो जिस दगड़ी चाल में रहता है, वहां नवरात्रि के दौरान मां की प्रतिमा बिठाई जाती है. अपनी चमक-दमक के लिये मशहूर ये पूजा पंडाल “डैडी की देवी” नाम से मशहूर है. क्योंकि गवली को उसके गैंगस्टर “डैडी” कहकर बुलाते हैं.

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अब गवली की बेटी आयोजित करवाती है "डैडी की देवी"

गवली चाहे जेल में हो या बाहर उसके पंडाल की चमक नहीं कम होती और नवरात्रि की रातों को यहां रोजाना खूब भीड़ उमड़ती है. गवली फिलहाल एक शिवसैनिक की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहा है लेकिन दगडी चाल का उत्सव उसकी बेटी गीता आयोजित करवाती है. गीता गवली राजनीति में है और तीन बार पार्षद चुनी जा चुकी हैं.

चिंचपोकली में अश्विन नाईक की नवरात्रि

अरूण गवली की दगडी चाल से करीब 2 किलोमीटर के फासले पर उसके कट्टर दुश्मन अंडरवर्ल्ड डॉन अश्विन नाईक का घर है. एक वक्त में दोनों के गिरोह एक-दूसरे के खून के प्यासे रहे हैं. गवली गिरोह के शूटर ने 1994 में नाईक के सिर में गोली मार दी थी, जिसके बाद कमर के नीचे उसे लकवा मार गया और वो ताउम्र व्हील चेयर पर रहने के लिये मजबूर हो गया.

दिलचस्प बात ये है कि अपने दुश्मन गवली की तरह नाईक भी देवी का भक्त है और चिंचपोकली इलाके में हर साल बड़ी ही धूमधाम से नवरात्रि मनाता है. अब नाईक अपने ऊपर लगे तमाम आरोपों से बरी हो चुका है और रियल इस्टेट के कारोबार से जुड़ गया है.

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माटुंगा में वरदाराजन मुदलियार का गणेशोत्सव भी काफी मशहूर

अगर पुराने जमाने के गैंगस्टरों की बात करें तो माटुंगा में वरदाराजन मुदलियार का गणेशोत्सव काफी मशहूर था. उसके मुंबई छोड़ कर तमिलनाडु भाग जाने के बाद भी कई सालों तक उसके नाम से ये पंडाल चर्चित था.


भिंडी बाजार में हाजी मस्तान की रमजान ईद भी मशहूर

इसी तरह हाजी मस्तान की रमजान ईद मशहूर हुआ करती थी. भिंडी बाजार के नूर मोहम्मदी रेस्तरां, जो कि नल्ली निहारी के लिये मशहूर है, में मस्तान ईद की पार्टी रखता था और उसमें शहर के दूसरे बडे डॉन जैसे करीम लाला, युसुफ पटेल और वरदाराजन मुदलियार को आमंत्रित करता था.

 

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