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This Article is From Mar 22, 2017

मुंबई में 'बेस्ट' के 40 हजार कर्मचारी समय पर तनख्वाह न मिलने से परेशान

मुंबई में 'बेस्ट' के 40 हजार कर्मचारी समय पर तनख्वाह न मिलने से परेशान
मुंबई में बेस्ट के हजारों कर्मचारी समय पर वेतन न मिलने के कारण परेशान हैं.
मुंबई: शिवसेना मुम्बई में 40 हजार कर्मचारियों की तनख्वाह समय पर नहीं दे पा रही है. इस वजह से वृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के अधीन काम करने वाली बेस्ट कंपनी के कर्मचारी जैसे तैसे अपने महीने का खर्च चला रहे हैं. बेस्ट मुम्बई को सस्ता परिवहन और सस्ती बिजली देने वाली सरकारी कंपनी है. इसका जिम्मा शिवसेना शासित बीएमसी के पास है.

बेस्ट कर्मचारियों के संगठन हिन्द मजदूर किसान पंचायत के अध्यक्ष और बीजेपी विधायक राम कदम ने एनडीटीवी इंडिया से बातचीत में सत्ताधारी शिवसेना से पूछा है कि, पेंगुइन खरीदने के लिए पैसे हैं लेकिन कर्मचारियों की तनख्वाह के लिए पैसे नहीं हैं? बीएमसी की 64 हजार करोड़ रुपये की एफडी बैंक में पड़ी हैं. इसका ब्याज करोड़ों में आता है. फिर भी बेस्ट कर्मचारियों की तनख्वाह देने के लिए पैसे नहीं हैं? ये कैसा वित्तीय नियोजन है?

बताया जाता है कि बीएमसी ने 64 करोड़ रुपये खर्च कर थाईलैंड से हम्बोल्ट पेंगुइन खरीदे हैं, जिन्हें शहर के ज़ू में रखा गया है. इस बीच हालिया चुनाव के बाद तो 37 हजार करोड़ के बजट वाली बीएमसी पर शिवसेना का पूर्ण कब्ज़ा हो चुका है और बेस्ट कमेटी चेयरमैन अनिल कोकिल भी शिवसेना से ही हैं. लेकिन, इनके पास कर्मचारियों की तनख्वाह समय पर देने के लिए 140 करोड़ रुपये नहीं हैं. मार्च महीने में कर्मचारियों की तनख्वाह देने के लिए करीब दो हफ्ते की देरी हुई है. बेस्ट कंपनी के इतिहास में यह पहली बार हुआ है.

गौरतलब है कि बेस्ट में शिवसेना की मजदूर यूनियन चलती है और इसी के जरिए पार्टी को भी लाभ मिलता रहा है. बेस्ट कमेटी चैयरमैन अनिल कोकिल ने एनडीटीवी इंडिया से बातचीत में कहा है कि मंगलवार को कर्मचारियों की तनख्वाह दे दी गई है. बुधवार को अधिकारियों की तनख्वाह दे दी जाएगी. वैसे आगे ऐसी हालत न बने इसलिए क्या प्रावधान किया है इस सवाल का कोकिल ने जवाब नहीं दिया.

सूत्रों से मिली जानकारी बताती है कि बिजली उपभोक्ताओं ने किए भुगतान के पैसे से मार्च महीने की तनख्वाह दी गई है. लेकिन, अप्रैल की तनख्वाह कैसे दी जाएगी इसका कोई जवाब फिलहाल ढूंढा नहीं गया है. बेस्ट कंपनी की वित्तीय हालत पिछले 17 सालों में हर साल और अधिक खस्ता हो चली है और कम्पनी पर समय पर तनख्वाह न देने की नौबत पहली बार आई है. इस पूरे समय में बेस्ट पर शिवसेना का कब्ज़ा रहा है.

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