- महायुति सरकार ने मेट्रो स्टेशनों के नाम कॉर्पोरेट प्रायोजकों के अनुसार बदलकर देवी-देवताओं का अपमान किया है
- मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने मेट्रो स्टेशनों के नाम तुरंत बदलने की मांग करते हुए विरोध किया
- BJP सरकार ने छत्रपति शिवाजी महाराज, आचार्य अत्रे जैसे महापुरुषों के नाम कॉर्पोरेट ब्रांड के लिए इस्तेमाल किया
महायुति सरकार ने मेट्रो स्टेशनों के नाम प्रायोजित करके देवी-देवताओं का अपमान किया है. सिद्धिविनायक मंदिर, कालबादेवी, महालक्ष्मी के साथ-साथ छत्रपति शिवाजी महाराज, आचार्य अत्रे के नाम कॉर्पोरेट कंपनियों के नाम पर स्टेशनों का नाम रखकर भाजपा ने कॉर्पोरेट हिंदू धर्म को बढ़ावा दिया है, लेकिन भाजपा की महायुती सरकार को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं है कि इससे हमारे देवी-देवताओं का अपमान हो रहा है. क्या गठबंधन सरकार, एमएमआरडीए और एमएमआरसी मेट्रो स्टेशनों के नाम प्रायोजित करके पैसा कमाने के लिए बेताब हैं? मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष सांसद वर्षा गायकवाड़ ने ऐसी ही एक नाराजगी भरा सवाल उठाते हुए नाम तुरंत बदलने की मांग की है.
मुंबई कांग्रेस ने आज मेट्रो स्टेशन के नाम को लेकर सिद्धिविनायक मंदिर के पास विरोध प्रदर्शन कर भाजपा महायुति सरकार का विरोध किया। इस विरोध प्रदर्शन में सांसद वर्षा गायकवाड़, प्रणिल नायर, सचिन सावंत, सुरेश चंद्र राजहंस, कचरू यादव, रवि बावकर, राजपति यादव, केतन शाह, भावना जैन, अरशद आज़मी आदि नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे.
इस अवसर पर मीडिया से बात करते हुए वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि आधुनिक भारत के निर्माण में अपना अमूल्य योगदान देने वाले महापुरुष छत्रपति शिवाजी महाराज, महामानव भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, महाकवि आचार्य अत्रे के साथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और संजय गांधी ने देश के लिए महान योगदान दिया है. लेकिन भाजपा महायुति सरकार ने बाजार लगाकर हमारी ऐतिहासिक विरासत, संस्कृति और परंपराओं को कंपनियों को बेच दिया है. सांसद वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि पैसे के लिए कुछ भी करने वाली सरकार को इस पर शर्म आनी चाहिए.
वर्षा गायकवाड़ ने आगे कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस का नाम किसी बैंक के नाम पर रखना और आचार्य अत्रे चौक पर एक म्यूचुअल फंड का नाम जोड़ना महाराष्ट्र के गौरव का मखौल उड़ाना है. छत्रपति का नाम 'प्रायोजन' पर नहीं बेचा जा सकता, आचार्य अत्रे को कभी 'ब्रांड डील' से सम्मानित नहीं किया जा सकता. चूंकि भाजपा को गांधी और नेहरू नामों से एलर्जी है, इसलिए नेहरू विज्ञान केंद्र स्टेशन के नाम से नेहरू और संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान से संजय गांधी हटा दिया गया है.
अब यह सरकार कालबादेवी और शीतलादेवी स्टेशनों के नाम के लिए प्रायोजक ढूंढ रही है. सांसद गायकवाड़ ने कहा कि यह लड़ाई महाराष्ट्र के 13 करोड़ लोगों के सम्मान, स्वाभिमान और पहचान की है. सरदार पटेल और अमित शाह की तुलना अनुचित है.
गृह मंत्री अमित शाह के मुंबई दौरे के दौरान, भाजपा ने 'लौह पुरुष' नामक बैनर लगाकर सरदार वल्लभभाई पटेल का अपमान किया है. अमित शाह 'लौह पुरुष' कैसे बन गए? स्वतंत्रता संग्राम और देश को एकजुट रखने में सरदार वल्लभभाई पटेल का बहुत बड़ा योगदान रहा है. सरदार पटेल ने देश की 560 से ज़्यादा रियासतों का भारत में विलय कराया. अमित शाह की तुलना ऐसे महान नेतृत्व से नहीं की जा सकती. सांसद वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की तुलना छत्रपति शिवाजी महाराज से करके महाराज का भी कई बार अपमान किया गया है.
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