- महाराष्ट्र की महायुति सरकार में BJP और शिवसेना (शिंदे गुट) के बीच तनातनी की चर्चाएं सामने आई हैं.
- डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात कर BJP नेताओं के रवैये पर नाराजगी जताई.
- शिंदे ने गठबंधन के नेताओं को एक-दूसरे की आलोचना बंद करने और माहौल को दूषित न करने का आग्रह किया.
महाराष्ट्र की महायुति सरकार में क्या सब कुछ ठीक चल रहा है? बीते कुछ दिनों से यह सवाल महाराष्ट्र की सियासी फिंजा में गूंज रही है. इस चर्चा के पीछे वजह बताई जा रही है कि BJP और शिवसेना (शिंदे गुट) की तनातनी. इस तनातनी के बीच बुधवार को शिवसेना (शिंदे गुट के नेता) और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने राजधानी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच मीटिंग करीब 50 मिनट तक चली. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक में शिवसेना स्थानीय नेताओं को BJP में शामिल करने पर शिंदे ने नाराज़गी जताई.
शिंदे ने बीजेपी नेताओं के रवैये की शिकायत कीः सूत्र
इसके साथ-साथ लोकसभा चुनाव में जीत के बाद अब लोकल बॉडी इलेक्शन की रणनीति पर भी चर्चा हुई. सूत्रों की माने तो महाराष्ट्र BJP नेताओं के रवैये से नाराज एकनाथ शिंदे ने अमित शाह से उनकी शिकायत की है. भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रवींद्र चव्हाण के खिलाफ शिंदे ने अमित शाह के सामने नाराजगी जताई है.
गठबंधन के माहौल को दूषित करने की कोशिश बंद होः शिंदे
एकनाथ शिंदे की अमित शाह से आग्रह किया कि गठबंधन के नेताओं की आपसी आलोचना पर रोक लगे. उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन के माहौल को दूषित करने की कोशिश की जा रही है. 'अनावश्यक विरोधाभासी खबरों' और 'जनता में भ्रम' पर भी शिंदे ने चिंता जताई और अमित शाह से हस्तक्षेप की मांग की है.
महाराष्ट्र में विरोधाभाषी खबरों से जनता में भ्रम
मालूम हो कि विधानसभा चुनावों में मिली जीत के बाद, स्थानीय निकाय चुनावों में गठबंधन के लिए काफी अनुकूल माहौल है. हालाँकि, कुछ नेता उस माहौल को दूषित करने की कोशिश कर रहे हैं. इससे विपक्ष की खूब किरकिरी हो रही है. मीडिया में अनावश्यक विरोधाभासी खबरें आ रही हैं. इससे भी जनता में भारी भ्रम की स्थिति है.
गठबंधन के नेताओं को एक-दूसरे की आलोचन से बचना चाहिए
डिप्टी सीएम ने यह भी कहा कि कुछ नेता निजी स्वार्थ के लिए काम कर रहे हैं, हमें ध्यान रखना चाहिए कि वे भविष्य में इस तरह से काम न करें. साथ ही, गठबंधन के नेताओं को एक-दूसरे की आलोचना करने से बचना चाहिए. सभी से अपेक्षा की जाती है कि वे टिप्पणी करते समय संयम और सामंजस्य की भूमिका निभाएं. सूत्रों की मानें तो अमित शाह शिंदे की सारी शिकायतें सुनी और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
हालांकि बाद में मीडिया से बात करते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा कि कल बिहार में शपथ ग्रहण समारोह है.एनडीए के एक घटक दल के रूप में मुझे भी आमंत्रित किया गया है. बिहार की सफलता पर बधाई देने के लिए अमित शाह से मुलाकात की. एनडीए को बड़ी जीत मिली है.
कैबिनेट बहिष्कार की बात का शिंदे ने किया खंडन
बीजेपी नेताओं की शिकायत पर शिंदे ने कहा कि एकनाथ शिंदे रोने वाले नहीं, बल्कि जुझारू हैं. आपने यह बार-बार देखा है. वह छोटी-मोटी शिकायतों को राष्ट्रीय स्तर पर नहीं लाते. कैबिनेट बहिष्कार पर शिंदे ने कहा कि यह सब आपकी कल्पना है. मैं कैबिनेट में बैठा था. आपकी खबरें चल रही थीं.
रविंद्र चव्हाण पर कहा- मैं गंभीरता से नहीं लेता
उन्होंने यह भी कहा कि कल मेरी और मुख्यमंत्री की चर्चा हुई थी. यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि महागठबंधन में कोई मतभेद न हो. यह विषय कल ही समाप्त हो गया था, यह स्थानीय स्तर का विषय था. बीजेपी स्टेट प्रेसिडेंट रवींद्र चव्हाण पर शिंदे ने कहा कि वह विषय कल समाप्त हो गया. मैं उस विषय को गंभीरता से नहीं लेता. मैंने अपने लोगों को वह बता दिया है, जो मैं उन्हें बताना चाहता था.
एकनाथ शिंदे ने ठाणे गठबंधन पर कहा कि शिवसेना अकेले ठाणे में ही मजबूत है. हालाँकि, मैंने मुख्यमंत्री से कहा कि हमें एक महागठबंधन बनाकर मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए.
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