पवई स्थित एलएच हीरानंदानी अस्पताल (फाइल फोटो)
मुंबई:
मुंबई की एक स्थानीय अदालत ने पवई में स्थित एलएच हीरानंदानी अस्पताल के पूर्व सीईओ डॉ सुमित चटर्जी समेत पांच डॉक्टरों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. चार दिन पहले इन डॉक्टरों को मुंबई पुलिस ने किडनी रैकेट में कथित तौर पर शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया था. इन सारे डॉक्टरों के लाइसेंस राज्य सरकार पहले ही सस्पेंड कर चुकी है.
मामले में दो डॉक्टरों की अग्रिम जमानत की अर्जी को कोर्ट ने शुक्रवार को ख़ारिज कर दिया. तीन दिनों की पुलिस कस्टडी खत्म होने के बाद शनिवार को सारे आरोपियों को अदालत में पेश किया गया था, लेकिन सरकारी वकील ने कहा कि पुलिस की जांच पूरी हो चुकी है, ऐसे में उन्हें आरोपियों से और पूछताछ की ज़रूरत नहीं है. सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने डॉ सुजीत चटर्जी, डॉ अनुराग नायक, डॉ. मुकेश शाह, डॉ. प्रकाश शेट्टी व डॉ. मुकेश शेट्ये को जेल भेज दिया.
इस रैकेट का पता तब चला, जब पुलिस को सूचना मिली कि पवई स्थित हीरानंदानी अस्पताल में 14 जुलाई को एक किडनी का ऑपरेशन होना था, जहां किडनी देने वाले और प्राप्त करने वाले आपस में संबंधी नहीं थे. इसके बाद किडनी दान करने वाले, प्राप्तकर्ता एवं एजेंटों समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
पुलिस को यह पता लगा कि किडनी देने वाली महिला और किडनी प्राप्त करने वाले बृजकिशोर जायसवाल द्वारा जमा कराए गए दस्तावेजों के उलट महिला जायसवाल की असली पत्नी नहीं थी, जिसके बाद जायसवाल का ऑपरेशन अंतिम क्षण में रोक दिया गया था.
पुलिस ने 9 अगस्त को अस्पताल के सीईओ समेत 5 डॉक्टरों को गिरफ्तार किया था. पुलिस अब ये पता लगाने में जुटी है कि इस रैकेट के तार और किन-किन राज्यों से जुड़े थे.
मामले में दो डॉक्टरों की अग्रिम जमानत की अर्जी को कोर्ट ने शुक्रवार को ख़ारिज कर दिया. तीन दिनों की पुलिस कस्टडी खत्म होने के बाद शनिवार को सारे आरोपियों को अदालत में पेश किया गया था, लेकिन सरकारी वकील ने कहा कि पुलिस की जांच पूरी हो चुकी है, ऐसे में उन्हें आरोपियों से और पूछताछ की ज़रूरत नहीं है. सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने डॉ सुजीत चटर्जी, डॉ अनुराग नायक, डॉ. मुकेश शाह, डॉ. प्रकाश शेट्टी व डॉ. मुकेश शेट्ये को जेल भेज दिया.
इस रैकेट का पता तब चला, जब पुलिस को सूचना मिली कि पवई स्थित हीरानंदानी अस्पताल में 14 जुलाई को एक किडनी का ऑपरेशन होना था, जहां किडनी देने वाले और प्राप्त करने वाले आपस में संबंधी नहीं थे. इसके बाद किडनी दान करने वाले, प्राप्तकर्ता एवं एजेंटों समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
पुलिस को यह पता लगा कि किडनी देने वाली महिला और किडनी प्राप्त करने वाले बृजकिशोर जायसवाल द्वारा जमा कराए गए दस्तावेजों के उलट महिला जायसवाल की असली पत्नी नहीं थी, जिसके बाद जायसवाल का ऑपरेशन अंतिम क्षण में रोक दिया गया था.
पुलिस ने 9 अगस्त को अस्पताल के सीईओ समेत 5 डॉक्टरों को गिरफ्तार किया था. पुलिस अब ये पता लगाने में जुटी है कि इस रैकेट के तार और किन-किन राज्यों से जुड़े थे.
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