अयाज सुल्तान का फाइल फोटो
मुंबई:
मालवणी से गायब अयाज़ सुल्तान और इस्लामिक स्टेट की कड़ी अब जुड़नी शुरू हो गई है। अभी तक अंधेरे में तीर मार रही महाराष्ट्र एटीएस खालिद अहमद उर्फ़ रिज़वान की गिरफ्तारी के बाद अब मुंब्रा के मुदब्बिर शेख को भी मालवणी मामले में आरोपी बनाने पर विचार कर रही है।
मुदब्बिर फ़िलहाल एनआईए की हिरासत में है। एनआईए की मानें तो मुंब्रा का मुदब्बिर भारत के अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार 13 आईएसआईएस संदिग्धों का सरगना यानी अमीर है और कुशी नगर का खालिद अहमद दूसरे नंबर पर यानी नायब अमीर है।
एटीएस सूत्रों के मुताबिक मालवणी का अयाज़ सुल्तान और बाकी लड़के खालिद अहमद के संपर्क में थे। खालिद मालवणी के लड़कों को इस्लामिक स्टेट से जोड़ने के लिए दो बार मुंबई भी आ चुका था। बताया जाता है कि खालिद ने अयाज़ के अलावा बाकी के तीन लड़कों के पासपोर्ट बनवाने में मदद करने का वादा भी किया था। इसके पीछे उसका मकसद स्लीपर सेल का एक ऐसा नेटवर्क बनाना था, जो नेपाल के रास्ते देश में हथियार और बारूद ला सके।
मालवणी का अयाज़ सुल्तान 30 अक्टूबर, 2015 को अचानक से गायब हो गया था। दो महीने बाद जब मालवणी से उसके तीन और साथी अचानक से गायब हुए, तब पुलिस को शक हुआ। खबर मीडिया में लीक होने के बाद डरकर दो युवक तो वापस आ गए, लेकिन मोहिसन खान का अभी तक कुछ पता नहीं चला है। वहीं अयाज़ सुल्तान के सीरिया पहुंचकर आईएसआईएस से जुड़ने की खबर है।
खालिद अहमद उत्तर प्रदेश के कुशी नगर में मध्यम वर्गीय परिवार से है। घर वालों को शक ना हो इसलिए वह नौकरी के सिलसिले में मुंबई और दूसरे शहरों में जाने की बात कहकर निकलता था। वह गोवा में भी कुछ दिन रह चुका है। खालिद अहमद मुंब्रा के मुदब्बिर शेख के साथ मिलकर देश में आतंकी वारदातों को अंजाम देने की फ़िराक में था। पता चला है कि दोनों फिदाईन दस्ता बनाने की जुगत में भी थे। इस काम के लिए मुदब्बिर को हवाला के जरिये 6 लाख रुपये मिलने की भी खबर है।
मुदब्बिर फ़िलहाल एनआईए की हिरासत में है। एनआईए की मानें तो मुंब्रा का मुदब्बिर भारत के अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार 13 आईएसआईएस संदिग्धों का सरगना यानी अमीर है और कुशी नगर का खालिद अहमद दूसरे नंबर पर यानी नायब अमीर है।
एटीएस सूत्रों के मुताबिक मालवणी का अयाज़ सुल्तान और बाकी लड़के खालिद अहमद के संपर्क में थे। खालिद मालवणी के लड़कों को इस्लामिक स्टेट से जोड़ने के लिए दो बार मुंबई भी आ चुका था। बताया जाता है कि खालिद ने अयाज़ के अलावा बाकी के तीन लड़कों के पासपोर्ट बनवाने में मदद करने का वादा भी किया था। इसके पीछे उसका मकसद स्लीपर सेल का एक ऐसा नेटवर्क बनाना था, जो नेपाल के रास्ते देश में हथियार और बारूद ला सके।
मालवणी का अयाज़ सुल्तान 30 अक्टूबर, 2015 को अचानक से गायब हो गया था। दो महीने बाद जब मालवणी से उसके तीन और साथी अचानक से गायब हुए, तब पुलिस को शक हुआ। खबर मीडिया में लीक होने के बाद डरकर दो युवक तो वापस आ गए, लेकिन मोहिसन खान का अभी तक कुछ पता नहीं चला है। वहीं अयाज़ सुल्तान के सीरिया पहुंचकर आईएसआईएस से जुड़ने की खबर है।
खालिद अहमद उत्तर प्रदेश के कुशी नगर में मध्यम वर्गीय परिवार से है। घर वालों को शक ना हो इसलिए वह नौकरी के सिलसिले में मुंबई और दूसरे शहरों में जाने की बात कहकर निकलता था। वह गोवा में भी कुछ दिन रह चुका है। खालिद अहमद मुंब्रा के मुदब्बिर शेख के साथ मिलकर देश में आतंकी वारदातों को अंजाम देने की फ़िराक में था। पता चला है कि दोनों फिदाईन दस्ता बनाने की जुगत में भी थे। इस काम के लिए मुदब्बिर को हवाला के जरिये 6 लाख रुपये मिलने की भी खबर है।
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