मुंबई: 
                                        घड़ी की सुई पर दौड़ते मुंबईकरों से जुड़ा चौंकने वाला खुलासा हुआ है। खुलासा सरकारी जांच में हुआ है। सरकारी विभाग महाराष्ट्र राज्य रोड़ डेवलपमेंट कार्पोरेशन (MSRDC) के द्वारा कराई गई जांच में पता चला है कि टोल नाकों पर गवाएं वक्त के चलते मुम्बईकरों को करोड़ों रुपये के समय का नुकसान हो रहा है।
मुम्बई के सारे, यानी पांच टोल प्लाजा पर राज्य सरकार के आदेश पर 8 जुलाई से 14 जुलाई 2015 के दरम्यान वीडियोग्राफी की गई।
जांच में सामने आया है कि,
आरटीआई कार्यकर्ता संजय शिरोडकर ने इस रिपोर्ट को सार्वजनिक कराया है। वे बताते हैं कि,
                                                                        
                                    
                                मुम्बई के सारे, यानी पांच टोल प्लाजा पर राज्य सरकार के आदेश पर 8 जुलाई से 14 जुलाई 2015 के दरम्यान वीडियोग्राफी की गई।
जांच में सामने आया है कि,
- एक समय पर हर LMV मतलब चार पहिया हल्के वाहन चलाने वाले व्यक्ति के अमूमन 4 मिनट टोल भरने के लिए खर्च हो रहे हैं।
 - इस समय मुम्बई के टोल नाकों पर हुई टोल वसूली से सालाना 222 करोड़ रुपये की आमदनी होती है।
 - जबकि, इससे कामकाजी लोगों के 6260 करोड़ रुपये का समय सालाना बरबाद हो रहा है।
 
आरटीआई कार्यकर्ता संजय शिरोडकर ने इस रिपोर्ट को सार्वजनिक कराया है। वे बताते हैं कि,
- टोल कॉन्ट्रैक्टर के दिए आंकड़ों से ज्यादा वाहन हर दिन मुम्बई के सभी टोल बूथ से गुजर रहे हैं। सरकार को 27 से 50% फीसदी वाहन कम दिखाए गए हैं।
 - साथ ही सरकार को साल के सभी दिनों की टोल वसूली की सूचना भी नहीं दी गई।
 - 2013 में 31 जुलाई और 31 अगस्त तो 2014 में 31 जनवरी, 31 जुलाई, 30 सितम्बर और 31 दिसंबर की टोल वसूली का हिसाब सरकार को नहीं दिया गया।
 
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