- CM डॉ. मोहन यादव ने कहा कि बिहार में विकास की अद्भुत गाथा पीएम मोदी और नीतीश कुमार के नेतृत्व में हुई है
 - मोहन यादव ने कहा कि उनकी पार्टी सभी वर्गों को साथ लेकर चलती है
 - यादव वोटरों से लेकर सांस्कृतिक रिश्तों तक, डॉ. यादव ने बिहार को अपना दूसरा घर बताया
 
पटना स्टेशन की भीड़ देखकर मशहूर व्यंग्यकार शरद जोशी से कुली ने यही पूछा था. जोशी जी ने इस वाकये को अपने व्यंग्य में दर्ज किया, और अब उसी उज्जैन से आये मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बिहार के चुनावी दौरे पर हैं. एनडीटीवी से बातचीत में जब उनसे यही सवाल पूछा गया कि क्या बिहार में आपलोग नरभसा गये हैं? तो उन्होंने आत्मविश्वास से जवाब दिया कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में विकास की अद्भुत गाथा लिखी जा रही है.
यादव वोटरों से लेकर सांस्कृतिक रिश्तों तक, डॉ. यादव ने बिहार को अपना दूसरा घर बताया. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी हर वर्ग को साथ लेकर चलती है और उन्हें मुख्यमंत्री बनाना इस बात का प्रमाण है कि भाजपा एक सच्चे अर्थों में जनतांत्रिक संगठन है.
सवाल: बिहार में आपलोग नरभसा गये हैं या क्या स्थिति है?
डॉ. मोहन यादव: यशस्वी प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एनडीए की सरकार दिल्ली में सफलता के साथ जनता की सेवा का संकल्प ले रही है. माननीय नीतीश कुमार जब से एनडीए की सरकार में हैं, 2004–05 के बाद बिहार भी पूरा बदला है. 15 लाख करोड़ से ज़्यादा की मंजूरी भारत सरकार के माध्यम से मिली है. बिहार में विकास का जो कारवां चला है, वह अद्भुत है.
सवाल : आप किन-किन सीटों पर गये, वहां क्या हालात हैं?
डॉ. मोहन यादव: मैं कई बार गया हूं, अब भूल गया कि कितनी सीटों पर गया हूं (हंसते हुए). लेकिन जैसा माहौल है, चारों तरफ एक बार फिर एनडीए सरकार.
सवाल : जब आप मुख्यमंत्री बने तो कहा गया कि यूपी–बिहार में यादव वोटरों को साधने के लिये आपको मुख्यमंत्री बनाया गया है. जब आप वहां जा रहे हैं तो क्या आपको लगता है इसका लाभ मिलेगा?
डॉ. मोहन यादव: हमारी पार्टी शुद्ध रूप से जनता की पार्टी है. समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलती है. और मोदी जी खाली कहते नहीं हैं हमारे माननीय प्रधानमंत्री, हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जी, हमारी पार्टी सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास यह बोलने से नहीं होता, करके दिखाना पड़ता है.
हमारी पार्टी ने हम जैसे कार्यकर्ताओं को मौका दिया जिनके परिवार में कोई सांसद, विधायक या राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं रही. ऐसे में हम जैसे लोगों को मुख्यमंत्री बनाना गर्व की बात है. हमारे जैसे कई राज्यों के मुख्यमंत्री ऐसे हैं जिनके परिवार में राजनीति का कोई इतिहास नहीं है. यह सच्चे अर्थों में जनतांत्रिक पार्टी है, गणतंत्र का सम्मान करने वाला संगठन है.
सवाल : आप लोग बिहार में पुरानी सरकार के वक्त को “जंगलराज” कहते हैं. वहीं दूसरी तरफ आपके सहयोगी अनंत सिंह जैसे लोगों को टिकट देते हैं जिन पर 50 से ज़्यादा मामले हैं, अभी भी जेल गये हैं.
डॉ. मोहन यादव: हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी की पॉलिसी बहुत साफ है कि हमारे यहां किसी भी प्रकार की कोई गलती पर किसी को बचाया नहीं जाता है. पार्टी निर्णय करती है और जो भी ऐसी घटना होती है उसमें कार्रवाई होना भी चाहिए. न्यायालय है न्यायालय फैसला करेगा. अगर गलत हुआ तो सजा मिलेगी, यह होना भी चाहिए.
सवाल : आप अक्सर बिहार और मध्यप्रदेश के सांस्कृतिक संबंधों का ज़िक्र करते हैं थोड़ी भोजपुरी सीखी या नहीं?
डॉ. मोहन यादव: सालों पहले सम्राट अशोक हमारे यहां उज्जैन जनपद में गवर्नर रहे, यहां पर राजकुमार रहे, बाद में सम्राट बने. और उसके बाद राजा भोज उनसे लेकर वंशजों ने शासन चलाया. इसलिए वहां “उज्जैनी ठाकुर” कहकर एक वंश कहलाता है. हमारा जो संबंध है उज्जैन और बिहार का वह अनंत काल से है.
भोजपुरी सीखने के सवाल पर (हंसते हुए) मोहन यादव ने कहा कि सारी भाषाएं अच्छी हैं.
सवाल: थोड़ा मध्यप्रदेश पर लौटते हैं. क्या बिहार चुनावों के बाद यहां मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है? सुना है रिपोर्ट कार्ड तैयार है.
डॉ. मोहन यादव: हमारी पार्टी अखिल भारतीय पार्टी है माननीय प्रधानमंत्री जी हैं, अमित शाह जी हैं, जे.पी. नड्डा जी हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं इनके नेतृत्व में हमारी पार्टी चलती है. पार्टी की पद्धति बहुत अच्छी है, बारीकी से हर चीज़ देखी जाती है. लगभग दो वर्ष का हमारा मंत्रिमंडल का समय हो रहा है, तो स्वाभाविक है कि समीक्षा होगी. पार्टी जो निर्णय लेगी, हम उसके साथ बंधे हैं. काम करना पड़ता है और करना भी चाहिए. जब मंत्री बने तो कई लोगों की आशा अपेक्षा के हिसाब से पार्टी मौका देती है. कई जन्मों के पुण्य के बाद ही अवसर आता है, तो जो अच्छा है, उसे भी बताना चाहिए.
सवाल : आपने केंद्र को पत्र लिखा है कि धान–गेहूं की खरीदी सीधे एफसीआई करे. विपक्ष का आरोप है कि सरकार जिम्मेदारी से पीछे हट रही है.
डॉ. मोहन यादव: अगर एफसीआई हमारी खरीदी करती है तो गलत क्या है? जिन राज्यों में एफसीआई को कठिनाई आती है, वहां राज्य सरकार खरीद कर देती है. हमारे यहां गेहूं से लेकर सभी फसलों की खरीदी में एफसीआई सक्षम है और मध्यप्रदेश सरकार उसकी मदद करेगी.
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