प्रतीकात्मक फोटो
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                मुंबई: 
                                        मुंबई में ढोल-नगाड़े गाजे-बाजे के साथ गणपति बप्पा विराज गए हैं. लाखों करोड़ों के गहने, ऊंची-ऊंची मूर्तियों के बीच कुछ लोग इस पर्व के साथ पर्यावरण बचाने में जुटे हैं. इनमें आम से लेकर खास लोग भी शामिल हैं. लोग पर्यावरण को लेकर जागरूक हुए हैं और यही कारण है कि मिट्टी से बने गणपति प्रतिमाओं की मांग 100 फीसदी बढ़ गई है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने सरकारी बंगले 'वर्षा' में इस बार इको फ्रेंडली गणपति की स्थापना की है. फडणवीस ने कहा " पिछले कुछ सालों से हमारी कोशिश है कि लोग ऐसी मूर्तियों की स्थापना करें जिससे पर्यावरण को नुकसान न हो. हमारी संस्कृति में भी पंचभूतों के महत्व को समझाया गया है, यानी ऐसी चीज अर्पित करें जो पंच तत्वों में मिल जाए. ऐसा अर्पण न करें जो पंच तत्वों में न मिल पाए.
कुछ ऐसी ही कोशिशों के साथ दत्ताद्री कोथुर भी ट्री गणेश लेकर आगे आए हैं. कोथुर लाल मिट्टी, जैविक खाद के साथ ईको फ्रेंडली गणपति बनाते हैं, जिसका विसर्जन भी बेहद आसान है. शुरुआत एक सोच से हुई लेकिन आइडिया अब वायरल हो गया है. ट्री गणेश के संस्थापक कोथुर का कहना है " जब हमने वीडियो बनाया था तो उम्मीद थी 2000 लोग इसे देखेंगे, लेकिन इसे लाखों ने देखा. हमें 5000 से ज्यादा मूर्तियों के ऑर्डर मिले, लेकिन हम 400 से ज्यादा नहीं बना पाए."
अब कई लोग बाप्पा के इस अवतार को अपनाना चाहते हैं. कोथुर से मूर्ति खरीदने आए सौरभ श्रीवास्तव ने कहा " मैं चाहता हूं मेरा बेटा अपनी संस्कृति के बारे में सीखे लेकिन पर्यावरण संरक्षण के साथ. शहर भी त्योहार के बीच पर्यावरण को लेकर सजग है. शायद यही वजह है कि मिट्टी से बने गणपति की मांग 100 फीसदी बढ़ी है. वहीं पीओपी के बने गणपति की मांग 40 फीसदी तक कम हो गई है.
                                                                        
                                    
                                महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने सरकारी बंगले 'वर्षा' में इस बार इको फ्रेंडली गणपति की स्थापना की है. फडणवीस ने कहा " पिछले कुछ सालों से हमारी कोशिश है कि लोग ऐसी मूर्तियों की स्थापना करें जिससे पर्यावरण को नुकसान न हो. हमारी संस्कृति में भी पंचभूतों के महत्व को समझाया गया है, यानी ऐसी चीज अर्पित करें जो पंच तत्वों में मिल जाए. ऐसा अर्पण न करें जो पंच तत्वों में न मिल पाए.
कुछ ऐसी ही कोशिशों के साथ दत्ताद्री कोथुर भी ट्री गणेश लेकर आगे आए हैं. कोथुर लाल मिट्टी, जैविक खाद के साथ ईको फ्रेंडली गणपति बनाते हैं, जिसका विसर्जन भी बेहद आसान है. शुरुआत एक सोच से हुई लेकिन आइडिया अब वायरल हो गया है. ट्री गणेश के संस्थापक कोथुर का कहना है " जब हमने वीडियो बनाया था तो उम्मीद थी 2000 लोग इसे देखेंगे, लेकिन इसे लाखों ने देखा. हमें 5000 से ज्यादा मूर्तियों के ऑर्डर मिले, लेकिन हम 400 से ज्यादा नहीं बना पाए."
अब कई लोग बाप्पा के इस अवतार को अपनाना चाहते हैं. कोथुर से मूर्ति खरीदने आए सौरभ श्रीवास्तव ने कहा " मैं चाहता हूं मेरा बेटा अपनी संस्कृति के बारे में सीखे लेकिन पर्यावरण संरक्षण के साथ. शहर भी त्योहार के बीच पर्यावरण को लेकर सजग है. शायद यही वजह है कि मिट्टी से बने गणपति की मांग 100 फीसदी बढ़ी है. वहीं पीओपी के बने गणपति की मांग 40 फीसदी तक कम हो गई है.
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                                        मुंबई, इको फ्रेंडली गणपति, गणेश प्रतिमाएं, पर्यावरण संरक्षण, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, Mumbai, Eco Friendly Idols, Ganesh Utsav, Environment Protection, CM Devendra Fadnavis