खबरों के मुताबिक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुरुदास कामत ने गठबंधन का विरोध किया है....
                                                                                                                        - मुम्बई नगर निकाय में सत्ता के लिए गठबंधन को लेकर रहस्य बरकरार है
 - शिवसेना ने कहा कि कांग्रेस से पार्टी से संपर्क नहीं किया
 - दूसरी तरफ भाजपा ने कांग्रेस का समर्थन लेने से इनकार किया है
 
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                                                                                मुंबई: 
                                        मुम्बई नगर निकाय में सत्ता के लिए गठबंधन को लेकर रहस्य बरकरार है. वहीं बीजेपी और शिवसेना दोनों ही अपना दावा पेश कर रही हैं. कांग्रेस ने जहां शिवसेना का समर्थन करने से इनकार किया है वहीं शिवसेना ने कहा कि इसने पार्टी से संपर्क नहीं किया. दूसरी तरफ भाजपा ने कांग्रेस का समर्थन लेने से इनकार किया है. इससे पहले कांग्रेस के कुछ सूत्रों ने कहा कि पार्टी की राज्य इकाई में इस बात पर विचार चल रहा है कि शिवसेना का महापौर बनाने के लिए भगवा पार्टी को समर्थन देने पर विचार किया जाना चाहिए ताकि शिवसेना और भाजपा के बीच दरार और चौड़ी हो जाए. उन्होंने कहा कि अंतिम निर्णय कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को करना है.
वहीं शनिवार को शिवसेना से कांग्रेस की डील होने को लेकर खबरें मीडिया में आती रहीं. शाम होते-होते खबर आई कि मुंबई कांग्रेस में दरार पड़ गई है. एक धड़ा शिवसेना से गठबंधन के पक्ष में है तो दूसरा विरोध कर रहा है.
भाजपा और शिवसेना दोनों ही 227 सदस्यीय बृहन्मुंबई नगर निकाय में जादुई आंकड़ा 114 को हासिल करने से काफी दूर हैं. 21 फरवरी को हुए चुनाव में जहां शिवसेना को 84 सीटें मिलीं वहीं भाजपा ने 82 सीटों पर जीत दर्ज की है. मुंबई कांग्रेस के प्रमुख संजय निरूपम ने कहा कि पार्टी शिवसेना का समर्थन नहीं करेगी . मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि भाजपा का कांग्रेस के साथ चुनाव बाद गठबंधन नहीं होगा और न ही पार्टी 'पारदर्शिता' के एजेंडे को छोड़ेगी.
उन्होंने कहा, "जो कांग्रेस के साथ गठबंधन करना चाहते हैं वे करें. भाजपा ऐसी पार्टी है जो विचारधारा को विचारधारा के स्तर पर लड़ती है. हम सत्ता में आएं या नहीं :बीएमसी में: लेकिन हम कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेंगे.’’ शिवसेना ने आज दावा किया कि दो और निर्दलीय पाषर्दों के समर्थन के साथ उसके 89 पाषर्द हो गए हैं. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, "मैं कह सकता हूं कि सबसे ज्यादा पाषर्द हमारे हैं और महापौर शिवसेना का होगा. हमने कांग्रेस से समर्थन मांगा है, ऐसी खबर सही नहीं है."
                                                                        
                                    
                                वहीं शनिवार को शिवसेना से कांग्रेस की डील होने को लेकर खबरें मीडिया में आती रहीं. शाम होते-होते खबर आई कि मुंबई कांग्रेस में दरार पड़ गई है. एक धड़ा शिवसेना से गठबंधन के पक्ष में है तो दूसरा विरोध कर रहा है.
भाजपा और शिवसेना दोनों ही 227 सदस्यीय बृहन्मुंबई नगर निकाय में जादुई आंकड़ा 114 को हासिल करने से काफी दूर हैं. 21 फरवरी को हुए चुनाव में जहां शिवसेना को 84 सीटें मिलीं वहीं भाजपा ने 82 सीटों पर जीत दर्ज की है. मुंबई कांग्रेस के प्रमुख संजय निरूपम ने कहा कि पार्टी शिवसेना का समर्थन नहीं करेगी . मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि भाजपा का कांग्रेस के साथ चुनाव बाद गठबंधन नहीं होगा और न ही पार्टी 'पारदर्शिता' के एजेंडे को छोड़ेगी.
उन्होंने कहा, "जो कांग्रेस के साथ गठबंधन करना चाहते हैं वे करें. भाजपा ऐसी पार्टी है जो विचारधारा को विचारधारा के स्तर पर लड़ती है. हम सत्ता में आएं या नहीं :बीएमसी में: लेकिन हम कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेंगे.’’ शिवसेना ने आज दावा किया कि दो और निर्दलीय पाषर्दों के समर्थन के साथ उसके 89 पाषर्द हो गए हैं. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, "मैं कह सकता हूं कि सबसे ज्यादा पाषर्द हमारे हैं और महापौर शिवसेना का होगा. हमने कांग्रेस से समर्थन मांगा है, ऐसी खबर सही नहीं है."
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