- कर्नाटक के मंड्या जिले के मूडनाहल्ली गांव के किसान मंजेगौड़ा ने भूमि विवाद के कारण आत्मदाह का प्रयास किया
 - मंजेगौड़ा की जमीन वन विभाग की जमीन से सटी हुई है और दोनों पक्षों का स्वामित्व विवादित है
 - किसान ने तहसीलदार से भूमि सर्वेक्षण कराने की बार-बार मांग की लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की
 
कर्नाटक के मंड्या जिले के केआर पेट तालुक स्थित मूडनाहल्ली गांव से एक परेशान करने वाली घटना सामने आई है. प्रशासनिक उदासीनता से त्रस्त एक किसान ने जिला उपायुक्त कार्यालय के सामने आत्मदाह का प्रयास किया. पीड़ित किसान मंजेगौड़ा लंबे समय से अपनी जमीन से जुड़े विवाद में न्याय की गुहार लगा रहे थे, लेकिन बार-बार अनसुना किए जाने के कारण उन्होंने यह कदम उठाया.
सूत्रों के अनुसार, मंजेगौड़ा की कृषि भूमि वन विभाग की जमीन से सटी हुई है. वन विभाग का दावा है कि विवादित भूमि उनकी है, जबकि मंजेगौड़ा का कहना है कि वह जमीन उनकी पुश्तैनी संपत्ति है. उन्होंने कई बार तहसीलदार से भूमि का सर्वेक्षण कराने की मांग की, ताकि उनके स्वामित्व की पुष्टि हो सके और वे खेती कर सकें. लेकिन उनकी अपीलों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.
सोमवार को मंजेगौड़ा ने जिला उपायुक्त कार्यालय पहुंचकर अपनी समस्या दोहराई, लेकिन वहां भी उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया. जब मंगलवार को भी यही रवैया देखने को मिला, तो उन्होंने हताश होकर कार्यालय के बाहर खुद पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा ली.
मौके पर मौजूद लोगों और पुलिसकर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए आग बुझाई और मंजेगौड़ा को गंभीर हालत में मंड्या के एमआईएमएस अस्पताल में भर्ती कराया. उनकी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है.
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