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रेणुकास्वामी हत्या मामला: पवित्रा गौड़ा ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की पुनर्विचार याचिका

बेंगलुरु की एक सत्र अदालत ने सोमवार को रेणुकास्वामी हत्या मामले में कन्नड़ अभिनेता दर्शन थुगुदीपा, उनकी सहयोगी पवित्रा गौड़ा और 15 अन्य के खिलाफ हत्या और अपहरण समेत अन्य आरोपों में आरोप औपचारिक रूप से तय किए थे.

रेणुकास्वामी हत्या मामला: पवित्रा गौड़ा ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की पुनर्विचार याचिका
  • रेणुकास्वामी हत्या मामले में आरोपी अभिनेत्री पवित्रा गौड़ा ने सुप्रीम कोर्ट पुनर्विचार याचिका दाखिल की है
  • कर्नाटक हाईकोर्ट ने पवित्रा गौड़ा और कन्नड़ अभिनेता दर्शन समेत 7 आरोपियों को जमानत दी थी
  • सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को त्रुटिपूर्ण मानते हुए गंभीर आरोपों के कारण जमानत खारिज की थी
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रेणुकास्वामी हत्या मामले में आरोपी अभिनेत्री पवित्रा गौड़ा ने अपनी जमानत रद्द किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है. कोर्ट में इस मामले पर याचिका पर 6 नवंबर को सुनवाई निर्धारित की गई है. इससे पहले कर्नाटक हाईकोर्ट ने पवित्रा गौड़ा और कन्नड़ अभिनेता दर्शन समेत सात आरोपियों को जमानत दी थी. लेकिन 14 अगस्त 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को खारिज करते हुए सभी आरोपियों की जमानत रद्द कर दी थी.

गंभीर आरोपों में किसी को कोई विशेष छूट नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि हाईकोर्ट का आदेश “कानूनी रूप से त्रुटिपूर्ण” था और गंभीर आरोपों को देखते हुए जमानत का कोई ठोस आधार नहीं था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पवित्रा गौड़ा और दर्शन को दोबारा गिरफ्तार कर बेंगलुरु सेंट्रल जेल में भेज दिया गया था. इसके बाद में पवित्रा गौड़ा की नई जमानत याचिका भी खारिज कर दी गई थी. कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि कानून सभी के लिए समान है और गंभीर आरोपों पर किसी को विशेष छूट नहीं दी जा सकती.

इससे पहले सुनवाई में क्या कुछ हुआ

फिलहाल मामले की सुनवाई ट्रायल कोर्ट में जारी है और किसी भी आरोपी को कोई विशेष सुविधा नहीं दी गई है. आपको बता दें कि इससे पहले बेंगलुरु की एक सत्र अदालत ने सोमवार को ही रेणुकास्वामी हत्या मामले में कन्नड़ अभिनेता दर्शन थुगुदीपा, उनकी सहयोगी पवित्रा गौड़ा और 15 अन्य के खिलाफ हत्या और अपहरण समेत अन्य आरोपों में आरोप औपचारिक रूप से तय किए थे. जिसमें सभी 17 आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताया, जिससे 10 नवंबर को मुकदमा शुरू होने का रास्ता खुल गया.

आरोप पत्र से क्या-क्या आया सामने

आरोप पत्र के अनुसार, रेणुकास्वामी ने कथित तौर पर पवित्रा को अश्लील संदेश भेजे थे, उसके बाद उसका अपहरण कर लिया गया, उसे बेंगलुरु के एक शेड में ले जाया गया और उसके साथ मारपीट की गई. न्यायाधीश ने आरोप पत्र पढ़ते हुए कहा, 'उसे चप्पलों और लकड़ी के तख्ते से पीटा गया, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं.' अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि पवित्रा ने रेणुकास्वामी पर चप्पल से हमला किया, जबकि दर्शन ने रेणुकास्वामी को पैंट उतारने के लिए मजबूर किया और उसके बाद उसके साथ मारपीट की, जिससे उसकी मौत हो गई.

कोर्ट ने यह भी कहा कि कुछ आरोपियों को दोष स्वीकार करने के लिए कथित तौर पर पैसे की पेशकश की गई थी. सभी 17 आरोपियों द्वारा दोष स्वीकार करने से इनकार करने के बाद, अदालत ने आरोप-पत्र पर औपचारिक हस्ताक्षर किए. इसके बाद दर्शन, पवित्रा और सात अन्य आरोपियों को वापस जेल ले जाया गया. 

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