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This Article is From Feb 13, 2017

मुझे तो आगे मध्यावधि चुनाव दिखाई दे रहा है, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने NDTV से कहा

पहली बार मुंबई महानगर पालिका के चुनाव में बीजेपी-शिवसेना आमने-सामने...
  • कहा - बीएमसी चुनाव के बाद समर्थन वापसी पर विचार करेंगे
  • बीएमसी पर पिछले 20 वर्षों से शिवसेना का कब्जा है
  • ठाकरे ने यह भी कहा कि मुंबई हमारा गढ़ है
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मुंबई: "मुझे तो निकट भविष्य में मध्यावधि चुनाव नजर आ रहे हैं, लोग तैयार रहें."  यह भविष्यवाणी किसी ज्योतिषी ने नहीं की है जिसकी ओर राजनेता अक्सर ध्यान देते हैं. यह भविष्यवाणी महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार की सहयोगी पार्टी शिवसेना के प्रमुख ने की है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हम बीएमसी चुनाव के बाद समर्थन वापसी पर विचार करेंगे. पहली बार उनकी पार्टी शिवसेना 37000 करोड़ रुपये के बजट वाली मुंबई महानगर पालिका के चुनाव में बीजेपी से दो-दो हाथ करेगी. बीएमसी पर पिछले 20 वर्षों से शिवसेना का राज है. बीएमसी का चुनाव 21 फरवरी को होना है.

बीजेपी द्वारा लगाए गए आरोपों पर कड़ी आपत्ति जताई. बीजेपी ने आरोप लगाते हुए कहा था कि निगम के बजट में पारदर्शिता नहीं है और 350 करोड़ का घोटाला किया गया है. बीजेपी ने घटिया स्तर की सड़के बनाने का आरोप भी लगाया था. ठाकरे ने सवालिया लहजे में कहा, "आर्थिक सर्वे पर नजर डाल लीजिए, क्या उसमें ऐसा कहीं मिल रहा है."
ठाकरे यह नहीं रूके. उन्होंने परोक्ष रूप से बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा, "मुंबई हमारा गढ़ है. मैं इसके खिलाफ कोई भी कलंक बर्दाश्त नहीं करूंगा. आप मेरे बारे में चाहे कुछ भी कहें लेकिन मेरे शहर के बारे में नहीं."

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मधुर संबंधों के बारे में सफाई देते हुए उन्होंने कहा, "मधुर संबंध का मतलब यह नहीं है कि आप झूठ बोलें."  

इससे पहले एनडीटीवी से एक अन्य साक्षात्कार में शिवासेना के यूथ विंग के प्रमुख आदित्य ठाकरे ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि बीजेपी विकास के बड़े-बड़े दावे पोस्टरों पर कर रही रही है. खासकरके शहर में मेट्रो लाने का श्रेय मुख्यमंत्री फडणवीस को दिया जा रहा है. लेकिन सब कोई जानता है कि मेट्रो प्रोजेक्ट कांग्रेस की सरकार लाई थी.

बीजेपी और शिवसेना ने 2014 का विधानसभा चुनाव बिना गठबंधन के लड़ा था. चुनाव में बीजेपी को शिवसेना से अधिक सीटें मिली थी. बाद में दोनों के सहयोग से गठबंधन सरकार बनी. उसके बावजूद शिवसेना नरेंद्र मोदी सरकार में सहयोगी बनी रही. हालांकि कई मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरती रही है. नोटबंदी के कदम की भी जमकर आलोचना की थी. ठाकरे का कहना है, "जो व्यक्ति नोटबंदी से परेशान नहीं है, वह मनुष्य नहीं है." हमारी प्रधानमंत्री मोदी से बहुत ज्यादा उम्मीदें हैं और आगे भी रहेंगी लेकिन उन्होंने अपने वादों को पूरा नहीं किया है. उन्होंने अयोध्या राम मंदिर के मुद्दे पर भी पीएम पर निशाना साधा.

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