'मेरे साथ और मेरे भाई के साथ न्याय करेें. नया पान सिंह तोमर बनने के लिये मुझे बंदूक चलाने की ट्रेनिंग लेने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी.' यह धमकी मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में एक हनुवंतिया जल पर्यटन स्थल पर निजी सुरक्षा गार्डों के हमले में कथित तौर पर 80% दृष्टि गंवाने वाले अपने छोटे भाई को न्याय दिलाने और मामले में पुलिस की कथित निष्क्रियता के ख़िलाफ जम्मू में तैनात भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) हवलदार अमित सिंह ने फेसबुक पोस्ट के ज़रिये दी है. उन्होंने कहा कि उनके परिजन 16 अगस्त को खंडवा जिले के इंदिरा सागर बांध के पास एमपी टूरिज्म के जल पर्यटन स्थल हनुवंतिया टापू पर पिकनिक मनाने गए थे. जहां उनका वहां निजी सुरक्षा गार्डों के साथ बच्चों के लिए दूध की बोतलें और बिस्कुट ले जाने की अनुमति नहीं देने की वजह से विवाद हुआ. बात बढ़ी तो वहां तैनात गार्ड चरण सिंह गोंड और दूसरे सुरक्षा गार्डों ने उनके परिवार पर ईंट, लाठी और यहां तक कि बीयर की बोतलों से भी हमला किया.
अमित ने आरोप लगाया "सुरक्षा गार्डों ने, विशेष रूप से मेरे भाई अतुल सिंह पर बीयर की बोतल से सिर पर हमला किया और उनके द्वारा फेंके गए पत्थरों में से एक में उनकी दाहिनी आंख पर चोट लगी, जिसके कारण उन्होंने उस आँख में 80% दृष्टि खो दी है." इंदौर में डॉक्टरों ने जहां मेरे घायल भाई अतुल का इलाज किया जा रहा है, हमें सूजन वाली दाहिनी आंख की 80% दृष्टि वापस लाने के लिए उसे चेन्नई ले जाने के लिए कहा है. पुलिस ने हमारी मदद करने के बजाय, केवल दो गार्डों और 15 अज्ञात गार्डों और नाविकों के खिलाफ हमारी शिकायत पर साधारण आईपीसी की धाराओं के तहत अपमानजनक व्यवहार, शारीरिक हमला और आपराधिक धमकी से संबंधित मामला दर्ज किया और न कि गंभीर चोट के कारण हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया.
उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि " सुरक्षा गार्ड एक सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेता के करीबी रिश्तेदार द्वारा चलाए जा रहे एक सुरक्षा एजेंसी से थे, इसलिए पुलिस ने भी हमारे खिलाफ हमला करने वालों और हमारी बहनों के साथ दुर्व्यवहार करने वालों की शिकायत पर समान आईपीसी की धाराओं में हमारे खिलाफ मामला दर्ज किया." हनुवंतिया द्वीप पर 16 अगस्त की हिंसक घटना की पुष्टि करते हुए मुंडी पुलिस स्टेशन के प्रभारी अमित पवार ने कहा, "दोनों समूह एक दूसरे के साथ भिड़ गए थे, इस दौरान परिवार के सदस्यों में से एक की आंख पर गंभीर घाव हो गए. चूंकि मुंडी (खंडवा) में सरकारी स्वास्थ्य सुविधा में डॉक्टरों ने शुरू में इसे साधारण चोट माना. इसलिए इस मामले में हमने आईपीसी की वैसी धाराएं दर्ज की थीं, एक बार जब हमें इंदौर में डॉक्टरों से नई मेडिको लीगल रिपोर्ट मिल जाती है, तो हम एफआईआर में और भी धाराएं जोड़ देंगे.
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