उज्जैन: महाकाल की सवारी के लिए तैयार हुए तीन नए रथ, इस बार निकलेंगीं 10 सवारियां

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण-भादौ महीने में निकलने वाली भगवान महाकाल की सवारी के लिए तीन नए रथ तैयार किए गए हैं. इन रथों को लकड़ी और लोहे के इस्तेमाल से भव्य स्वारूप देकर तैयार किया गया है. वहीं इस बार सावन महीने में यहां बाबा महाकाल की 10 सवारियां निकलेंगी.

उज्जैन: महाकाल की सवारी के लिए तैयार हुए तीन नए रथ, इस बार निकलेंगीं 10 सवारियां

उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर

उज्जैन:

मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण-भादौ महीने में निकलने वाली भगवान महाकाल की सवारी में इस बार मंदिर समिति ने दानदाता के ज़रिए तीन रथ तैयार करवाएं हैं. इन रथों का आकार करीब 6 बाय 9 फीट और ऊंचाई करीब 10 फीट से अधिक रखी गई है. महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने दानदाताओं के सहयोग से तीन रथों का निर्माण करवाया है. दो रथ मंदिर परिसर में पहुंच गए हैं. इस बार सावन महीने में यहां बाबा महाकाल की 10 सवारियां निकलेंगी. नए रथ में तीन मुखारविंद दर्शन देते हुए सवारी में शामिल होगें.  आइए जानते हैं तारीखों के हिसाब से किस दिन कौन-सी सवारी निकलेगी.

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  • 10 जुलाई को पहली श्रावण-भादौ मास की सभी सवारियों में भगवान की पालकी शामिल होगी.
  • 17 जुलाई को दूसरी सवारी से शाही सवारी तक भगवान का एक मुखारविंद हाथी पर विराजित किया जाएगा.
  • 24 जुलाई को तीसरी सवारी में भगवान के शिव तांडव स्वरूप को गरुड़ रथ पर विराजित किया जाएगा.
  • 31 जुलाई को चौथी सवारी में भगवान उमा महेश नन्दी पर सवार होकर निकलेंगे.
  • 07 अगस्त को पांचवीं सवारी में बैलगाड़ी पर होलकर मुखारविंद विराजित किया जाएगा.
  • 14 जुलाई को छठी सवारी में बैलगाड़ी पर घटाटोप मुखारविंद विराजित होगा.
  • 21 अगस्त को शाही सवारी में भगवान का सप्तधान मुखारविंद विराजित किया जाएगा.
  • 28 अगस्त को आठवीं सवारी निकलेगी.
  • 04 सितंबर को नोवीं सवारी निकलेगी.
  • 11 सितंबर को अंतिम शाही सवारी निकलेगीं

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इस बार तीन सवारियों के लिए नए रथ को लकड़ी और लोहे का इस्तेमाल कर तैयार किया गया है. इन रथों में इस्तेमाल हुई लकड़ी पर आकर्षक नक्काशी कर इसे भव्य रूप दिया गया है. जिस कारण ये रथ दिखने में बेहद भव्य और शानदार लग रहे हैं. वहीं इस बार तीर्थरूप भगवान महाकाल की सवारी में शामिल होंगे, जो तीन नए रथ बनकर तैयार हुए हैं उन पर उन्हें विराजमान कर पूरे क्षेत्र में रैली निकाली जाएगी. इस तरह भक्त भगवान महाकाल के नए स्वरूप के दर्शन कर सकेंगे.