
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (फाइल फोटो)
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दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे कोविंद.
कोई भी लक्ष्य अपने आप में न छोटा होता है, न बड़ा. वह केवल लक्ष्य होता है.
जो भी लक्ष्य तय करें उसे पाने के लिए पूरी एकाग्रता के साथ आगे बढ़ें.
प्रसिद्ध वैज्ञानिक आइन्स्टीन की एकाग्रता का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यदि आप उसी प्रकार की एकाग्रता के साथ चलेंगे तो आपको लक्ष्य प्राप्त करने में ज्यादा कठिनाई नहीं होगी.
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राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि इतिहास की धारा में वही विचारधारा बच पाती है जो मानव के लिए हितकारी हो. आपको मानवता के हित में काम करना है. आप आने वाले समाज के निर्माता हैं. कोविंद ने कहा कि आज यहां जिन 11 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल मिले हैं, उनमें से आठ बच्चियां हैं और तीन बच्चे. इससे प्रतीत होता है कि देश के विकास में बच्चियों का योगदान शायद बच्चों से भी अधिक बढ़ रहा है. इस कार्यक्रम में शामिल होने से पहले राष्ट्रपति कोविंद अपनी पत्नी सविता के साथ अमरकंटक में नर्मदा नदी के उद्गम स्थल एवं मां नर्मदा मंदिर भी गए. वहां पर उन्होंने पूजा-अर्चना भी की.
VIDEO : स्वतंत्रता दिवस पर देश के नाम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का पहला संदेश
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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