दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे कोविंद. कोई भी लक्ष्य अपने आप में न छोटा होता है, न बड़ा. वह केवल लक्ष्य होता है. जो भी लक्ष्य तय करें उसे पाने के लिए पूरी एकाग्रता के साथ आगे बढ़ें.