मध्यप्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत आदिवासी बहुल बालाघाट, मंडला जैसे जिलों में जो चावल बांटा जा रहा है वो भेड़-बकरियों के खाने लायक है. NDTV की इस खबर के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी, जिसके बाद सरकार हरकत में आई कार्रवाई शुरू हुई- महू में एक कांग्रेस नेता और कारोबारी पर छापा मारकर दावा किया गया कि 50 करोड़ का राशन घोटाला हुआ है, लेकिन वहीं अनूपपुर जहां 2253 क्विंटल चावल एक गोदाम से "गायब" हो गया, वहां साल भर बाद भी सरकारी अनुशंसा के बावजूद एफआईआर नहीं लिखी गई है. अनूपपुर खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह का निर्वाचन क्षेत्र है.
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महू में मोहित अग्रवाल के स्वामित्व वाले हर्षित ट्रेडर्स के गोदाम पर छापा मारा गया, जिनके पिता मोहनलाल अग्रवाल महू जिला कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं और राज्य में नागरिक आपूर्ति निगम के एक पंजीकृत ट्रांसपोर्टर रहे हैं. जांच में पता लगा कि परिवहन कर्ता की हैसियत से मोहन अग्रवाल जहां राशन की दुकानों में अनाज पहुंचाता था वहीं हर बार 8-10 क्विंटल वापस ले लेता था और फिर अपने बेटे मोहित अग्रवाल की फर्म पर फर्जी बिल बनवाकर उसे खपाता था। इसमें उसकी मदद उसके रिश्तेदार जो स्थानीय व्यापारी भी हैं वे भी करते थे.
इंदौर के जिला कलेक्टर मनीष सिंह के अनुसार, प्राथमिक जांच के निष्कर्षों से पता चलता है कि चुराया हुआ पीडीएस खाद्यान्न और मिट्टी का तेल लगभग 50 करोड़ रुपये हो सकता है। लेकिन मोहनलाल अग्रवाल 15-20 साल से टीपीडीएस के तहत एक पंजीकृत ट्रांसपोर्टर हैं, इसलिए वास्तविक मात्रा वास्तव में बहुत अधिक हो सकती है। सिंह ने कहा, "राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के कर्मचारी की संलिप्तता भी जांच के दौरान सामने आई है, जिनके खिलाफ पुलिस ने अन्य लोगों के साथ मामला दर्ज किया है." मामले में कांग्रेस के नेता और पूर्व पार्षद मोहन लाल अग्रवाल और उनके बेटे मोहित अग्रवाल, तरुण अग्रवाल सहित सहित कुल 5लोगों पर एफआईआर फिलहाल दर्ज की गई है.
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हालांकि इतनी फुर्ति अनूपपुर में नहीं दिखाई गई. मध्यप्रदेश सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह के जिले अनूपपुर में एक सरकारी गोदाम से स्टॉक में 22573 क्विंटल चावल गायब मिला, साल भर पहले नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक अभिजीत अग्रवाल ने क्षेत्रीय प्रबंधक रवि सिंह को खत लिखकर दोषियों के खिलाफ एफआईआर कराने और चावल की राशि वसूल करने के निर्देश दिए। लेकिन लगभग एक साल बीत जाने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई. सूत्रों के मुताबिक जिले में सरकारी राशन वितरण से जुड़े लोग मंत्रीजी के करीबी हैं, अनूपपुर उन 27 सीटों में से एक है जहां उपचुनाव होना है. एनडीटीवी ने बताया था कि कैसे इस साल 30 जुलाई से 2 अगस्त तक बालाघाट और मंडला में 32 सैंपल एकत्र किए गये —31 डिपो से, और एक राशन की दुकान से - CGAL लैब में परीक्षण के बाद पाया गये कि सारे नमूने ना सिर्फ मानकों से खराब थे, बल्कि वो फीड-1 की श्रेणी में हैं जो बकरी, घोड़े, भेड़ और मुर्गे जैसे पशुधन के लिए उपयुक्त है. एनडीटीवी की खबर के बाद 3 सितंबर को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पूरे मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दी थी.
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