मध्य प्रदेश के सागर से आदिवासी विकास खंड केसली में करीब पांच महीने पहले धान खरीदी केंद्र पर अमानक धान खरीद का मामला सामने आया था. दिगंबर स्व सहायता समूह बम्होरी केंद्र के कंप्यूटर ऑपरेटर और समिति स्तर पर नियुक्त किए गए सर्वेयर अमानक स्तर की धान खरीदी की गई थी. अमानक स्तर की धान खरीदी के मामले में शिकायत के बाद कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी पलक खरे ने कार्रवाई की थी. कार्रवाई में एक लिखित आवेदन दिया गया था कि अवैधानिक रूप से लाभ कमाने और शासन के साथ धोखाधड़ी कर अमानक स्तर की धान बोरियों में भरी गई है. जिसके तहत आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश की जा रही थी. अब इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
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करीब 5 महीने से फरार थे आरोपी
धान खरीद कर घोटाला करने वाले आरोपी पिछले 5 महीने से फरार थे. पुलिस ने फरार आरोपियों पर इनाम घोषित किया था, आरोपियों की तलाश के लिए सागर पुलिस अधीक्षक ने एडिशनल एसपी बीना और एसडीओपी देवरी के साथ एक संयुक्त टीम गठित की थी. टीम ने आरोपियों की लगातार तलाश की जिसमें मामले के मुख्य आरोपी देवरी के अतिशय, आरोपी सर्वेयर प्रशांत सेन, कंप्यूटर ऑपरेटर अनुपम दुबे को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के द्वारा आरोपियों से पूछताछ के बाद उन्हें न्यायालय में पेश किया गया. जहां से न्यायालय ने आरोपियों को जेल भेज दिया है.
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सोशल मीडिया पर किया था घोटाले का खुलासा
7 जनवरी को केसली मंडी में चल रहे दिगंबर स्व सहायता समूह के खरीदी केंद्र पर धान की करीब 38 हजार बोरियो में सिर्फ भूसा भरा मिला. एक स्थानीय युवक द्वारा सोशल मीडिया पर इसका खुलासा किए जाने के बाद हड़कंप मच गया था. जिसके बाद मौके पर तहसीलदार और खाद्य विभाग के अधिकारी पहुंचे थे. मामले में एक्शन लेते हुए खरीद केंद्र को सील कर जांच कार्यवाही शुरू की गई थी. इस बीच खरीद केंद्र संचालक सहित कर्मचारी मौके से भाग निकले. फिलहाल पुलिस बाकी 2 आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है.
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