मध्य प्रदेश के शहडोल में बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां भर्ती मरीज़ों के परिजन बरसात में खुले आसमान के नीचे खाना बनाने को मजबूर हैं. करोड़ों की लागत से बनाए गए इस मेडिकल कॉलेज में मरीज़ों के परिजनों को बरसात से बचाने के लिए एक शेड तक नहीं बनाया गया है.
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दरअसल, शहडोल संभाग के आदिवासी अंचल के बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीज़ों के परिजन बारिश के दौरान खुले आसमान के नीचे सड़क में खाना बनाने को मजबूर हो गए हैं. वह बारिश में छाता लगाकर चूल्हे की आग और बर्तन को ढक कर खुद भीगते हुए खाना बनाते हैं. इस मेडिकल कॉलेज को बनाने में जहां करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं वहीं यहां मरीज़ों के साथ आए परिजनों के लिए बरसात से बचने के लिए किसी तरह की शेड तक का बंदोबस्त नहीं किया गया है. मामले में परिजनों का कहना है कि किसी भी तरह की शेड का थोड़ा सा भी इंतजाम अगर हो जाए तो हमें यहां इतनी परेशानी नहीं होगी.
बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज में शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, डिंडोरी सहित छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे गांवों के गरीब और आदिवासी मरीज यहां इलाज के लिए आते हैं. ये लोग अपने साथ राशन लाकर यहां किसी तरह चूल्हे और लकड़ी का इंतजाम करते हैं फिर पर कहीं जगह देखकर खुले आसमान के नीचे खाना बनाते हैं. देखा जाए तो ये बेबस और मजबूर गरीब लोग मेडिकल कॉलेज प्रशासन के कुप्रबंधन झेल रहे है.
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