मध्यप्रदेश में पिछले कुछ दिनों में हुई बरसात से खुले में रखा हजारों टन धान मंडियों में रखे-रखे भीग गया. जब तक धान गोदाम में नहीं पहुंचेगा किसान को भुगतान नहीं होगा. धान बेचकर अब किसान सहकारी समितियों के चक्कर लगा रहे हैं. डिंडोरी के शहपुरा में बरगांव धान खरीदी केन्द्र की तस्वीरें आईं जहां मैदान में पानी है, पानी में धान की बोरियां हैं. कुछ खुशकिस्मत बोरियों को तिरपाल में सूखे रहने का सुख मिल गया, कुछ किसान इस मामले में बदकिस्मत रहे. मंडी में आए ग्रामीण केशव प्रसाद साहू ने कहा अनाज ले आए हैं, गाड़ियों की व्यवस्था नहीं है, पूरा धान पानी में है, 8-10 दिन से गाड़ियों की व्यवस्था नहीं हो पा रही इसलिये दिक्कत हो रही है.
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खरीद के 48 घंटों में परिवहन का प्रावधान, 10 दिन से मंडी में पड़ी रही पैदावार @OfficeOfKNath @ChouhanShivraj @ndtvindia @BJP4MP @INCMP #CAAProtests pic.twitter.com/8XvSbK5vNk
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) December 16, 2019
इस मामले में तहसीलदार एन एल वर्मा ने कहा मैं जांच कराकर देखता हूं कि कितना नुकसान हुआ है, अभी तक परिवहन का टेंडर नहीं हुआ है, टेंडर खुलेगा तो हो जाएगा. विदिशा में समर्थन मूल्य केन्द्रों पर 10 हजार क्विंटल से ज्यादा खुले आसमान के नीचे पड़ा धान अचानक हुई बारिश से भीग गया, धान की खरीदी शुरू हुए 14 दिन बीत गए. लेकिन अभी तक भंडारण का काम शुरू नहीं हो सका जिसके चलते किसानों को भुगतान नहीं हो पा रहा है. बारिश से गीला हुए धान को वेयरहाउस कार्पोरेशन ने लेने से इंकार कर दिया है.
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मंडी में आए किसान गजेन्द्र सिंह रघुवंशी ने कहा पानी से नुकसान हुआ है, 10 परसेंट किसानों की ट्रॉली बाहर खड़ी है, अंदर भी पड़ा है. वहीं सुनील यादव ने बताया धान लेकर आया था, पूरा धान भीग गया. ना पानी की व्यवस्था है और ना ही खाने की. राज्य में पिछले दस दिन से करीब पांच सौ खरीदी केन्द्रों पर अब तक 70335 टन धन की खरीदी हुई है. जिसमें सिर्फ 3306 टन धान का ही परिवहन हो पाया है. नियम कहता है कि खरीदी के 48 घंटे के अंदर अनाज का परिवहन होना चाहिये. खरीदी के बाद धान परिवहन सिर्फ 8 जिलों में हुआ है, 42 में परिवहन का काम भी शुरू नहीं हुआ है. प्रदेश के 20 से अधिक जिलों में धान भंडारण करने के लिए पर्याप्त बंद गोदाम नहीं हैं.
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सरकार कह रही है किसानों के नुकसान की भरपाई होगी, विपक्ष का आरोप है किसान बदहाल है. कांग्रेस प्रवक्ता शहरयार खान ने कहा किसानों की हितैषी सरकार है जो नुकसान हुआ होगा भरपाई की सरकार कोशिश करेगी. वहीं पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता विश्वास सारंग ने कहा किसान की फसल का 48 घंटे में परिवहन हो जाना चाहिये लेकिन धान भीग गया खराब हो गया, लेकिन मंत्री हों अधिकारी हों सिर्फ भ्रष्टाचार में लगे हुए हैं. किसान बदहाल हैं और परेशानी से जूझ रहे हैं. धान का परिवहन नही होने के कारण लाखों किसानों का भुगतान भी रुका हुआ है. जबकि तक धान गोदामों में नहीं पहुंचेगा तक तक उनका भुगतान नहीं हो पाएगा.
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