डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि आयोग को इस तरह का फैसला लेने का अधिकार नहीं है...
भोपाल:
पेड न्यूज के मामले में चनाव आयोग द्वारा तीन साल के लिए चुनाव लड़ने में अयोग्य ठहराए गए मध्यप्रदेश के जनसंपर्क और विधि विधायी मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने आयोग के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा, "मैं अभी भी विधायक और मंत्री हूं." मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में मंत्री मिश्रा भी शामिल हुए और बैठक के बाद उन्होंने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी संवाददाताओं को दी. संवाददाताओं ने जब उनसे निर्वाचन आयोग के फैसले पर सवाल किया, तो उनका जवाब था, "आयोग को इस तरह का फैसला लेने का अधिकार नहीं है, यह बात विधानसभाध्यक्ष भी कह चुके हैं, वर्तमान में मैं विधायक और मंत्री भी हूं."
उन्होंने आयोग की प्रक्रिया और फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग को मामले की जानकारी विधानसभा अध्यक्ष को जानकारी देनी चाहिए, विधानसभा अध्यक्ष विधि विशेषज्ञों से परामर्श कर उसे कैबिनेट को भेजें और कैबिनेट राज्यपाल को भेजें, ऐसा होना चाहिए. फिलहाल यह मामला उच्च न्यायालय में लंबित है. आयोग के फैसले के खिलाफ मिश्रा ने ग्वालियर उच्च न्यायालय की खंडपीठ में याचिका दायर की है, वहीं भारती ने केविएट दायर की है. सुनवाई पांच जुलाई को होगी.
नरोत्तम मिश्रा वर्ष 2008 में दतिया क्षेत्र से विधानसभा चुनाव जीते थे. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजेंद्र भारती ने वर्ष 2009 में निर्वाचन आयोग में शिकायत कर चुनाव खर्च का सही ब्योरा न देने और पेड न्यूज छपवाने का आरोप लगाया था. मामला उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के बाद निर्वाचन आयोग तक पहुंचा. आयोग ने भारती की शिकायत को सही पाते हुए मिश्रा को फैसले की तारीख से तीन साल के लिए चुनाव लड़ने में अयोग्य ठहराया है.
भारती की ओर से पैरवी करेंगे सिब्बल, तन्खा, चिदंबरम और सिंघवी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को चुनाव आयोग द्वारा अयोग्य ठहराए जाने के मामले में कांग्रेस के विधि विशेषज्ञ सोमवार को एक साथ बैठे और अगली रणनीति पर चर्चा की. पार्टी के विधि विभाग के अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल व पी. चिंदंबरम के साथ बैठक की. बैठक में फैसला किया गया कि मिश्रा के खिलाफ याचिका लगाने वाले राजेंद्र भारती की ओर से जाने-माने अधिवक्ता व पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल, विवेक तन्खा पैरवी करेंगे वहीं चिदंबरम और अभिषेक मनु सिंघवी एडवाइज देंगे.
(इनपुट आईएएनएस से भी)
उन्होंने आयोग की प्रक्रिया और फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग को मामले की जानकारी विधानसभा अध्यक्ष को जानकारी देनी चाहिए, विधानसभा अध्यक्ष विधि विशेषज्ञों से परामर्श कर उसे कैबिनेट को भेजें और कैबिनेट राज्यपाल को भेजें, ऐसा होना चाहिए. फिलहाल यह मामला उच्च न्यायालय में लंबित है. आयोग के फैसले के खिलाफ मिश्रा ने ग्वालियर उच्च न्यायालय की खंडपीठ में याचिका दायर की है, वहीं भारती ने केविएट दायर की है. सुनवाई पांच जुलाई को होगी.
नरोत्तम मिश्रा वर्ष 2008 में दतिया क्षेत्र से विधानसभा चुनाव जीते थे. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजेंद्र भारती ने वर्ष 2009 में निर्वाचन आयोग में शिकायत कर चुनाव खर्च का सही ब्योरा न देने और पेड न्यूज छपवाने का आरोप लगाया था. मामला उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के बाद निर्वाचन आयोग तक पहुंचा. आयोग ने भारती की शिकायत को सही पाते हुए मिश्रा को फैसले की तारीख से तीन साल के लिए चुनाव लड़ने में अयोग्य ठहराया है.
भारती की ओर से पैरवी करेंगे सिब्बल, तन्खा, चिदंबरम और सिंघवी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को चुनाव आयोग द्वारा अयोग्य ठहराए जाने के मामले में कांग्रेस के विधि विशेषज्ञ सोमवार को एक साथ बैठे और अगली रणनीति पर चर्चा की. पार्टी के विधि विभाग के अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल व पी. चिंदंबरम के साथ बैठक की. बैठक में फैसला किया गया कि मिश्रा के खिलाफ याचिका लगाने वाले राजेंद्र भारती की ओर से जाने-माने अधिवक्ता व पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल, विवेक तन्खा पैरवी करेंगे वहीं चिदंबरम और अभिषेक मनु सिंघवी एडवाइज देंगे.
(इनपुट आईएएनएस से भी)
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