MP: स्कूल में कथित रूप से हिजाब पहनने के लिए मजबूर करने के मामले में नया मोड़, प्रबंधन पर धर्मांतरण के भी लगे आरोप

पुलिस सूत्रों के मुताबिक छठी और आठवीं के कम से कम दो लड़कियों और एक लड़के के बयानों के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. तीनों छात्र हिंदू हैं.

MP: स्कूल में कथित रूप से हिजाब पहनने के लिए मजबूर करने के मामले में नया मोड़, प्रबंधन पर धर्मांतरण के भी लगे आरोप

भोपाल:

मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के दमोह के गंगा जमना हायर सेकेंडरी स्कूल में कथित तौर पर बच्चों को हिजाब पहनाये जाने से शुरू हुआ विवाद अब धर्मांतरण की कोशिश के रूप में बदल गया है. स्कूल संचालकों के नाम पर कई संपत्ति होने की बात है. गृहमंत्री एएनआई का भी जिक्र कर रहे हैं. मामले में स्कूल के सारे संचालकों सहित 11 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है. वहीं स्कूल ने सारे आरोपों से इंकार किया है. कुछ बच्चों का भी कहना है कि उनके साथ हिजाब को लेकर जबर्दस्ती नहीं हुई, ना ही उन्हें किसी और धार्मिक मान्यता के लिये उकसाया गया है.

कठोरतम कार्रवाई करेंगे: मुख्यमंत्री

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि एक बात साफ है कोई भी बेटी या बच्चों को अलग ड्रेस पहनने या बांधने चाहे हिजाब हो बाध्य नहीं किया जा सकता हम कठोरतम कार्रवाई करेंगे, जांच की रिपोर्ट आने दीजिए.  वहीं राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि 295 ए, 506 बी, 75-82 जेजे एक्ट में कार्रवाई की गई है. साथ ही उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर टेरर फंडिंग के मामले पर एनआईए जांच करती है. लेकिन अगर एएनआईए संपर्क करेगा तो राज्य की पुलिस पूरा सहयोग करेगी.

छात्रों के बयान के आधार पर पुलिस ने दर्ज किया केस

पुलिस सूत्रों के मुताबिक छठी और आठवीं के कम से कम दो लड़कियों और एक लड़के के बयानों के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. तीनों छात्र हिंदू हैं. छात्राओं ने आरोप लगाया कि उन्हें स्कूल के अंदर एक बार 'हिजाब' अनिवार्य रूप से पहनने के लिए स्कूल प्रबंधन ने मजबूर किया था.   छात्र ने कहा कि उसे कलावा हटाने और तिलक मिटाने के लिए मजबूर किया गया था. साथ ही उन्हें सुबह की प्रार्थना में अल्लामा इकबाल की कविता लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना गाने के लिए मजबूर किया गया.

हलांकि एनडीटीवी के साथ बात करते हुए कुछ छात्रों ने किसी भी तरह के दबाव से इनकार किया है. इधर कुछ लोगों का कहना है कि अल्लामा इकबाल की जिस कविता पर ऐतराज है वो खुद मध्यप्रदेश स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम का हिस्सा है. उर्दू की 5वीं की किताब में इसे पढ़ाया जाता है.

शिक्षिकाओं ने आरोप को बताया गलत

यही नहीं स्कूल पर ये भी आरोप लगे हैं कि स्कूल की तरफ से तीन शिक्षिकाओं का धर्म परिवर्तन कराया गया है. हालांकि शिक्षिकाओं ने इस आरोप का खंडन किया है उन्होंने कलेक्ट्रेट में जाकर बताया कि स्कूल में पढ़ाने से सालों पहले वो धर्म परिवर्तन कर चुकी थीं.

स्कूल प्रबंधन हैं और भी कई आरोप

स्कूल प्रबंधन पर और भी कई आरोप हैं जैसे कि स्कूल में तेंदूपत्ता का भंडारण किया जाता है. क्योंकि संचालकों के पास गंगा-जमना, बीड़ी कंपनी 352 है. कपड़ा, हार्डवेयर, रेत खनन जैसे काम भी इनके रहे हैं. कई एकड़ जमीन इनके पास है. दूसरे देशों में दाल का कारोबार है. हालांकि इसमें ग़ैरकानूनी क्या है, इसकी जांच अभी चल ही रही है. इस बीच जिस जिला शिक्षा अधिकारी ने पहले स्कूल को क्लीन चिट दी थी, उनके चेहरे पर 2 दिनों पहले स्याही पोती गई, स्याही पोतने वालों पर भी मामला दर्ज किया गया है. 

पहले कलेक्टर ने जांच करवाई और स्कूल को क्लीन चिट मिल गई, फिर सरकार ने कहा गहन जांच होगी तो आरोप हिजाब से टेटर फंडिंग तक पहुंच गए, स्कूली शिक्षा मंत्री ने तो कलेक्टर की भूमिका तक पर सवाल उठा दिये, स्कूल की मान्यता निलंबित है जिसे रद्द करने की बात चल रही है, स्कूल में 1208 बच्चे पढ़ते हैं जिनका भविष्य हिजाब विवाद से अधर में आ गया पहले देश में हिजाब पहनने के अधिकार को लेकर विवाद छिड़ा, यहां दूसरे धर्म के बच्चों को हिजाब ना पहनाने का विवाद है.

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