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This Article is From Jan 20, 2022

MP: कोरोना से मौतों और मुआवजे में विसंगति, कई जिलों में मौतों के आंकड़ों से ज्‍यादा लोगों को मुआवजा बांट चुकी सरकार

इंदौर में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, तीनों लहर मिलाकर अब तक 1400 लोगों की संक्रमण से मौत हुई है जबकि जिला प्रशासन अब तक 2400 लोगों को, मौत के कारण 12 करोड़ रुपए का मुआवजा दे चुका है. यही नहीं, 4190 आवेदन अभी भी जांच में लंबित पड़े हैं.

MP: कोरोना से मौतों और मुआवजे में विसंगति, कई जिलों में मौतों के आंकड़ों से ज्‍यादा लोगों को मुआवजा बांट चुकी सरकार
सुमन बाई की मौत पिछले साल कोरोना संक्रमण से हुई थी लेकिन परिजन अभी भी मुआवजे का इंतजार कर रहे
भोपाल:

देश के कई राज्यों में कोरोना से मरने वालों के परिजनों को मुआवजा नहीं मिलने का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है, हालांकि वहां भी सरकार ने मौत के जो आंकड़े दिये हैं उसको खुद ही सरकारी मुआवजे के आंकड़े झुठला रहे हैं. मध्‍य प्रदेश में 72 साल की सुमन बाई भिंगारे की 23 अप्रैल 2021 की घर में ही कोरोना से मौत हो गई. 5 अप्रैल को उन्हें वैक्सीन लगी थी, इसके पांच दिन बाद बुखार आया, सर्दी-खांसी थी. ऑक्सीजन लेवल कम हो गया. 10 अस्पताल में परिजन भटके लेकिन कहीं बेड नहीं मिला. घर पर ही इलाज हुआ. सीटी स्कैन में दोनों फेफड़ों में संक्रमण की पुष्टि हुई. उनके दो बेटे हैं एक पुराने कपड़ों का कारोबार करते हैं, दूसरा मैकैनिक है, मुआवजे के लिये फॉर्म भरा है लेकिन अब तक जांच ही चल रही है.सुमन के बेटे दीपक भिंगारे ने कहा, 'हम उनको लेकर रिक्शा में लेकर घूमे. दस अस्पताल, यहां राठी डायगोनॉस्टिक में गये वहां सीटी स्कैन करवाया लेकिन वो बच नहीं सकीं, अब शपथ पत्र दे दिया, सब डॉक्यूमेंट दे दिये हैं लेकिन सिर्फ आश्‍वासन ही मिला है.'  

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इंदौर के सलीम खान की पत्नी की भी दूसरी लहर में मौत हुई, इन्होंने भी आवेदन भर दिया लेकिन मुआवजे का इंतजार है.कोरोना संक्रमण के दौरान हुई मौत को लेकर सरकारी आंकड़ों पर लगातार सवाल उठते रहे हैं, सुप्रीम कोर्ट में जो सरकारी आंकड़े दिये गये हैं, उसके मुताबिक मध्य प्रदेश में अबतक 10543 लोगों की मौत हुई है लेकिन मुआवजे की रकम को लेकर उसके पास 12485 आवेदन आये हैं. सरकार अब तक 10442 दावे स्वीकृत कर चुकी है, लेकिन सवाल ये है कि क्या ये आंकड़े भी सही हैं मिसाल के लिये सिर्फ एक शहर के आंकड़ों से इसको समझते हैं. 

इंदौर में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, तीनों लहर मिलाकर अब तक 1400 लोगों की संक्रमण से मौत हुई है जबकि जिला प्रशासन अब तक 2400 लोगों को, मौत के कारण 12 करोड़ रुपए का मुआवजा दे चुका है. यही नहीं, 4190 आवेदन अभी भी जांच में लंबित पड़े हैं. इसे मिला दें तो घोषित आंकड़ों से करीब तीन गुना ज्यादा करीब साढ़े छह हजार लोग कोरोना के कारण मौत का शिकार हुए हैं. सरकार के प्रवक्ता जवाब के लिए वक्त चाहते हैं लेकिन विपक्ष के अपने सवाल हैं वो चाहता है सुप्रीम कोर्ट सरकार पर कार्रवाई करे. मध्यप्रदेश सरकार के प्रवक्ता, कैबिनेट मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्र ने कहा, 'सही आंकड़ा मेरे पास नहीं है, मैं लेकर दे देता हूं मेरे पास जो आंकड़ा है मैं स्वयं भ्रमित हूं.' 

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उधर,  कांग्रेस के नेता जीतू पटवारी ने कहा, 'ढाई लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई, 10000 की गिनती बताते हैं, इंदौर अकेले में 6000 आवेदन आए हैं, माननीय सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध करता हूं कि इसे अवमानना समझ कर सरकार पर कार्रवाई करना चाहिए.' कोरोना की दूसरी लहर में सरकारी फाइलों के आंकड़ों के झूठ की परत हमने श्मशान के रजिस्टर से खोली थी, वैसे राजधानी भोपाल में भी सरकारी फाइलों में 1006 लोगों की मौत हुई ये और बात है कि मुआवज़ा के लिये 1300 आवेदनों में 1138 मंजूर भी हो चुके हैं.

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