मध्यप्रदेश में किसानों को फसल नुकसान की सूचना बीमा कंपनियों को देना आसान हो सके, इसके लिए सभी फसल बीमा कंपनियों को तहसील स्तर पर टोल फ्री नंबर जारी करने के निर्देश दिए गए हैं. आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार, राज्य के किसान कल्याण तथा कृषि विकास, उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण मंत्री सचिन यादव ने सोमवार को मंत्रालय में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की समीक्षा काते हुए कहा कि बीमा नियम के अनुसार, किसान को 72 घंटे के भीतर फसल हानि की सूचना संबंधित बीमा कंपनी को देनी चाहिए.
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उन्होंने कहा कि किसानों की शिकायत मिलती है कि कंपनियों द्वारा जारी टोल फ्री नंबर पर अक्सर फोन नहीं लगता. इस समस्या को दूर करने के लिए फसल बीमा कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वे तहसील स्तर पर टोल फ्री नंबर जारी करें. मंत्री ने कहा कि सभी फसल बीमा कंपनियां तहसील स्तर नियुक्त कर्मचारियों तथा फसल हानि की सूचना देने वाले किसानों की जानकारी दो दिन में प्रस्तुत करें. किसान को फसल बीमा राशि की अंशदान की रसीद देना भी सुनिश्चित किया जाए. इसके साथ ही फसल हानि पर यथाशीघ्र नियमानुसार क्लेम राशि का भुगतान किया जाना शुरू करें.
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बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में प्रदेश के 27 लाख 64 हजार किसानों की फसलों का खरीफ-2019 के लिए 15 हजार 221 करोड़ 52 लाख रुपये का बीमा किया गया. किसानों की कुल 54 लाख 58 हजार 8 सौ 66 हेक्टेयर कृषि भूमि इसमें शामिल थी. बीमा प्रीमियम के लिए किसानों का अंशदान 352 करोड़ 62 लाख रुपये तथा राज्यांश 509 करोड़ 60 लाख रुपये का है. किसानों को नियमानुसार फसल नुकसान का क्लेम यथाशीघ्र दिलाया जाएगा.
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