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This Article is From Jul 08, 2023

MP: चित्रकूट की प्रशासनिक समिति भंग कराने सहित 12 सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठा संत समाज

चित्रकूट को मिनी स्मार्ट सिटी का दर्जा दिए जाने के बाद यहां पर सीवर लाइन बिछाने का काम शुरू किया गया. करीब दस साल गुजरने के बाद भी सीवर का काम आधा-अधूरा है.

MP: चित्रकूट की प्रशासनिक समिति भंग कराने सहित 12 सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठा संत समाज

सतना: धार्मिक नगरी चित्रकूट की समस्याओं का समाधान न होने पर संत समाज धरने पर बैठ गया है. तीन-तीन बार मांगों का ज्ञापन सौपे जाने के बाद भी कोई कार्रवाई न होने से संतों में बेहद नाराजगी है. चित्रकूट के तमाम तपस्वी पवित्र श्रावण मास में जप-तप, पूजा-पाठ छोड़कर धरना प्रदर्शन करने के लिए विवश हैं. संतों की मांग है कि श्रीकामतानाथ मुखारबिंद पूर्वी द्वार के संचालन हेतु नवगठित प्रशासनिक समिति को तत्काल भंग कर परंपरानुसार संचालन महंत एवं पुजारियों के आपसी सामंजस्य से कराया जाए. मठ मंदिरों में विवाद बढ़ाने के बजाय संतों से विचार विमर्श कर विवाद मुक्त कराने का प्रयास करें. चित्रकूट की पवित्र नदी सरयू, पयस्वनी और गंगा की जल धाराओं को संरक्षित किया जाए. मंदाकिनी गंगा के आरोग्यधाम से पीली कगार होकर स्फटिकशिला तक जल संसाधन विभाग द्वारा बनवाई जा रही दीवार का निर्माण कार्य तुरंत निरस्त किया जाए. मृदा का क्षरण रोकने के लिए घना पौधरोपण किया जाए. इसी प्रकार से संत समाज चाहता है कि मंदाकिनी नदी के आसपास जो भी निर्माण कराए जाएं उनके संबंध में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों का पालन किया जाए.

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बता दें कि चित्रकूट को मिनी स्मार्ट सिटी का दर्जा दिए जाने के बाद यहां पर सीवर लाइन बिछाने का काम शुरू किया गया. करीब दस साल गुजरने के बाद भी सीवर का काम आधा-अधूरा है. संतों ने मांग रखी है कि जन निगरानी समिति का गठन कर कार्ययोजना को पारदर्शी बनाया जाए. मां मंदाकिनी के पानी को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए भी कार्ययोजना तैयार की जाए.  मठ-मंदिरों को अतिक्रमण से बचाएं ,अतिक्रमण के नाम पर प्राचीन मठ-मंदिर, गर्भगृह, प्राचीरों को क्षति न पहुंचाई जाए. व्यावसायिक सौदेबाजी के चलते अतिक्रमण के नाम पर ध्वस्त कराई गई एक मात्र प्राचीन किले की भव्यता वाली प्रमोदवन की ऐतिहासिक प्राचीन प्राचीर का उसी स्वरुप में पुनर्निर्माण हो.

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संतों के आंदोलन की अगुवाई कर रहे विरक्त संत मंडल के अध्यक्ष सनकादिक महाराज एवं सचिव मदन गोपाल दास ने बताया कि चित्रकूट में कई प्रकार की विसंगतियां हैं. पार्किंग में श्रद्धालुओं से मनमानी पैसा वसूला जाता है. सुविधाओं का अभाव है. जगह-जगह शराब की बिक्री चोरी-छिपे हो रही है. चित्रकूट की गरिमा के विपरीत काम कराए जा रहे हैं. परिक्रमा पथ में गौवंश खुला घूमता है, जिससे छोटे-छोटे व्यवसायियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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