नगर परिषद कोटर का विवाद फिर सुर्खियों में आ गया. इस बार चर्चा की वजह यह है कि सीएमओ शैलेन्द्र सिंह चौहान को शहरी विकास अभिकरण सतना से अटैच कर दिया गया. यह अटैचमेंट क्यों किया गया इस मामले में नगरीय प्रशासन विभाग का तर्क है कि सीएमओ ने स्वेच्छा से अन्य भेजने के लिए पत्र दिया था.
दरअसल, बीते जून माह की 28 तारीख को नगर परिषद कोटर के सीएमओ शैलेन्द्र सिंह चौहान के साथ नगर परिषद अध्यक्ष राजमणि सिंह, उपाध्यक्ष प्रभाकर तिवारी, पाषर्द राजेन्द्र गौतम बबलू ने गाली-गलौज करते हुए मारपीट की कोशिश की थी. यह सभी लोग भाजपा से जुड़े नेता हैं. इस विवाद के बाद सीएमओ संगठन ने कलेक्टर को आवेदन देकर एफआईआर कराने की मांग की थी और मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी थी.
सीएमओ संगठन ने तीन दिन का वक्त दिया था. इस अवधि में न तो एफआईआर हुई और न ही कोई हड़ताल की गई. सीएमओ शैलेन्द्र सिंह ने खुद स्थान बदलने का आवेदन संभागीय संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन रीवा को भेज दिया. आनन-फानन में भविष्य में विवाद की संभावना को देखते हुए सीएमओ को परियोजना कार्यालय सतना से अटैच कर दिया गया.
सीएमओ को परियोजना कार्यालय से अटैच करने के मामले में संयुक्त संचालक रीवा से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो सका. हालांकि उनके द्वारा जारी किए गए अटैचमेंट आदेश में कहा गया है कि आवेदन के आधार पर स्थितियों का परीक्षण किया गया. सीएमओ शैलेन्द्र चौहान की इन परिस्थितियों में काम करना कठिन होगा. संभवत: इसीलिए उन्हें अटैच कर दिया गया.
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