प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज भोपाल में रानी कमलापति रेलवे स्टेशन (Rani Kamalapati railway station)का उद्घाटन किया. इस मौके पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा, 'आज का दिन भोपाल के लिए, मध्य प्रदेश के लिए और पूरे देश के लिए गौरवपूर्ण इतिहास और वैभवशाली भविष्य के संगम का दिन है. भारतीय रेल का भविष्य कितना आधुनिक और उज्जवल है, इसका प्रतिबिंब भोपाल के इस आधुनिक स्टेशन पर जो भी आएगा, उसे दिखाई देगा.' रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का पुराना नाम हबीबगंज रेलवे स्टेशन था.
नये भारत का नया स्टेशन !
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) November 15, 2021
प्रधानमंत्री @NarendraModi जी ने पुनर्विकसित 'रानी कमलापती रेलवे स्टेशन' राष्ट्र को समर्पित किया।
ये बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर वाला स्टेशन आधुनिक सुविधाओं से लैस है।#जनजातीय_गौरव_दिवस pic.twitter.com/GYiiPBSYBg
पीएम ने कहा, ' भारत कैसे बदल रहा है, सपने कैसे सच हो सकते हैं. ये देखना हो तो आज इसका उत्तम उदाहरण भारतीय रेलवे भी बन रहा है. 6 वर्ष पहले तक जिसका भी पाला भारतीय रेलवे से पड़ता था वो भारतीय रेल को कोसते हुए जाता नजर आता था.आज रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के रूप में देश का पहला ISO सर्टिफाइड, देश का पहला पीपीपी मॉडल आधारित रेलवे स्टेशन देश को समर्पित किया गया है. जो सुविधाएं कभी एयरपोर्ट में मिला करती थीं, वो आज रेलवे स्टेशन में मिल रही हैं.' उन्होंने कहा, 'आज का भारत, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए रिकॉर्ड Investment तो कर ही रहा है, ये भी सुनिश्चित कर रहा है कि प्रोजेक्ट्स में देरी ना हो. हाल में शुरू हुआ, पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान, इसी संकल्प की सिद्धि में देश की मदद करेगा.रेलवे स्टेशन के पूरे ईको सिस्टम को इसी प्रकार ट्रांसफार्म करने के लिए आज देश के 175 से अधिक रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प किया जा रहा है. आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ आज भारत आने वाले वर्षों के लिए खुद को तैयार कर रहा है, बड़े लक्ष्यों पर काम कर रहा है.'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'जब हम मास्टर प्लान को आधार बनाकर चलेंगे तो देश के संसाधनों का भी सही उपयोग होगा. पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान के तहत सरकार अलग अलग मंत्रालयों को एक प्लेटफॉर्म पर ला रही है.बीते 7 वर्षों में हर वर्ष औसतन 2,500 किमी ट्रैक कमीशन किया गया है. जबकि उससे पहले के वर्षों में ये 1,500 किमी के आस-पास ही होता था. पहले की तुलना में इन वर्षों में रेलवे ट्रैक के बिजलीकरण की रफ्तार पांच गुना से अधिक हुई है.पहले रेलवे को टूरिज्म के लिए अगर उपयोग किया भी गया, तो उसको एक प्रीमियम क्लब तक ही सीमित रखा गया. पहली बार सामान्य मानवी को उचित राशि पर पर्यटन और तीर्थाटन का दिव्य अनुभव दिया जा रहा है. रामायण सर्किट ट्रेन ऐसा ही एक अभिनव प्रयास है.' उन्होंने कहा कि रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर का लाभ किसानों को, विद्यार्थियों को, व्यापारियों और उद्यमियों को होता है. आज हम देखते हैं कि किस तरह किसान रेल के माध्यम से देश के कोने-कोने के किसान दूर दराज तक अपनी उपज भेज पा रहे हैं. रेलवे द्वारा किसानों को माल ढुलाई में बहुत छूट भी दी जा रही है. इसका बहुत बड़ा लाभ देश के छोटे किसानों को भी हो रहा है. उन्हें नए बाजार मिले हैं, उन्हें नया सामर्थ्य मिला है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं