भोपाल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया में पीपीई किट पहनने की वजह से एक दर्जन से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों की तबियत बिगड़ गयी. उन्हें गर्मी लगी, घबराहट हुई और मितली चढ़ने लगी. आधा दर्जन से ज्यादा स्टाफ को ग्लूकोज चढ़ाने की नौबत आ गई. पीड़ित कर्मचारी भोपाल में हमीदिया अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में कार्यरत थे, सबसे पहले पीपीई किट पहनकर ड्यूटी कर रही सफाई कर्मचारियों ने घबराहट की शिकायत की, इसके बाद वार्ड में मौजूद दूसरे स्टाफ को भी ऐसा लगा फिर एक के बाद एक करीब आधा दर्जन कर्मचारी चक्कर खाकर गिर पड़े. अचानक स्टाफ के लोगों के इतनी बड़ी संख्या में बेहोश होने से अस्पताल में हड़कंप मंच गया. मौके पर तुरंत सीनियर डॉक्टरों के बुलाया गया. फिलहाल सभी की हालत खतरे बाहर बताई जा रही है.
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— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) May 26, 2020
कांग्रेस को लगता है मामला घटिया पीपीई किट की सप्लाई का है,कांग्रेस प्रवक्ता अजय यादव ने कहा इस तरह जो कोरोना योद्धा हैं उनको नकली पीपीई किट दी जा रही है, प्लास्टिक की पन्नी की किट दी गई, कई कर्मचारी बेहोश हो गये इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, जनता देख रही है वहीं बीजेपी प्रवक्ता महेश शर्मा ने कहा निश्चित रूप से बीजेपी सरकार ने इसे संज्ञान में लिया है दोषियों को दंडित किया जाएगा, भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति ना हो इसका ध्यान रखा जाएगा. वैसे सरकारी किताबों में 74,380 पीपीई किट हैं, 1,63,500 आने वाले हैं.
उसके बीच कुछ दिनों पहले अशोकनगर से तस्वीरें आई थीं जहां डॉक्टरों को कोरोना संक्रमित से प्लास्टिक की शीट पहनकर मिलने जाना पड़ा था, बातचीत के दौरान पन्नी फट गई तो डॉक्टर साहब को दौड़ लगानी पड़ी थी. जिनकी तबीयत बिगड़ी वो कुछ वक्त आराम करने के बाद काम पर लग गये, वैसे सरकार ने दावा किया था कि राज्य में हर रोज 10000 पीपीई किट की जरूरत है, वो 12000 खुद बना रहे हैं, लेकिन अगर क्वॉलिटी ऐसी है तो फिर कोई क्या कहे.
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